11 January, 2021

चौराहे का ज्योतिषी | डाॅ (सुश्री) शरद सिंह | नवगीत संग्रह | आंसू बूंद चुए

 

Dr (Miss) Sharad Singh

नवगीत

चौराहे का ज्योतिषी

- डाॅ सुश्री शरद सिंह


चौराहे का ज्योतिषी

     बांचे सब का भाग।


जुड़ी अदालत,

सुखिया की

पेशी का है दिन

मुंशी अभी पुकारेगा

होंठों रुपया गिन


बंटवारे का आरसी

    दिखलाता है दाग़।



बची सलामत 

डिहरी में

रहा न कोई दम

पटवारी ले जाए तो

जूठी पातर रम


गलियारे का परबसी

खाए बासी-साग।



मूड़ उठाए 

देख रहा

है मतलब का यार

धर दो चुनरी हाथ पर

यही ककहरा सार


अंधियारे का मावसी

    उजियारे का काग।

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(मेरे नवगीत संग्रह ‘‘आंसू बूंद चुए’’ से)

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Dr (Miss) Sharad Singh, Navgeet, By Ansoo Boond Chuye - Navgeet Sangrah





12 comments:

  1. Replies
    1. दिली शुक्रिया जिज्ञासा सिंह जी 🌹🙏🌹

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 13 जनवरी 2021 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. पम्मी सिंह 'तृप्ति' जी,
    यह मेरे लिए हर्ष का विषय है कि आपने मेरे नवगीत को "पांच लिंकों का आनन्द" में शामिल किया है। विद्वत ब्लॉगर्स तक मेरे नवगीत का पहुंचना मेरे लिए प्रसन्नतादायक है।
    हार्दिक आभार एवं धन्यवाद 🌹🙏🌹
    - डॉ शरद सिंह

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  4. वाह बढ़िया लिखा आपने।

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    1. हार्दिक धन्यवाद श्वेता सिन्हा जी 🌹🙏🌹

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  5. Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद अनुराधा चौहान जी 🌹🙏🌹

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  6. बहुत खूब...शरद जी
    मूड़ उठाए

    देख रहा

    है मतलब का यार

    धर दो चुनरी हाथ पर

    यही ककहरा सार

    आंसू बूंद चुए 31 नवगीतों संकलन ...वाह

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  7. हार्दिक धन्यवाद अलकनंदा सिंह जी 🌹🙏🌹

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  8. लाजवाब प्रस्तुति आदरणीया । बहुत खूब ।

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