28 May, 2023

शायरी | एक परिंदा | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

अर्ज़ है -
एक परिंदा तोड़ के पिंजरा, कौन-सी शय पा जाएगा?
पंख कटे हैं, खुले गगन में कैसे वह उड़ पाएगा?
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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27 May, 2023

शायरी | हलफ़ उठाती हूं | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

अर्ज़ है -
करूंगी याद नहीं,जब ये  हलफ़ उठाती हूं
तभी  मैं  याद  के  दरिया  में  डूब जाती हूं
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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26 May, 2023

शायरी | उदास दिन | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

अर्ज़ है -
उदास दिन का हरेक पल बड़ा कठिन गुज़रा
न  जाने  रात के  साए में  क्या  घुटन  होगी।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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24 May, 2023

शायरी | हमारी भूल थी | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

अर्ज़ है -
वो बेगानों सा मिलता है बिना शर्मिंदगी के अब
हमारी भूल थी, उसको जो अपना मान बैठे थे
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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23 May, 2023

शायरी | वो सियासत का सगा जब से हुआ | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

अर्ज़ है -
वो सियासत का सगा जब से हुआ
गांव,  घर,  मां,  बाप   बेगाने लगें। 
कुर्सियों  की   दौड़  में   है  दौड़ता
नेक  बातें  ख़ार-सी  उसको  चुभें।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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22 May, 2023

शायरी | क़िस्सा अजब है | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

अर्ज़ है -
सियासत, हुक़ूमत का क़िस्सा अजब है
जो इसका हुआ, वो किसी का न होगा।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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21 May, 2023

शायरी | चांद मुझसे करेगा क्यूं बातें | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

अर्ज़ है -
चांद मुझसे  करेगा  क्यूं  बातें 
साथ उसके  तो  चांदनी होगी 
वो अंधेरे  का  दर्द  क्या  जाने  
जिसके दामन में रोशनी होगी 
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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