Dr (Miss) Sharad Singh |
नवगीत
तुम याद आए मीत
- डाॅ सुश्री शरद सिंह
घाटी से
सिसकते
टेर जाए बांसुरी के गीत
तुम याद आए मीत।
घूमते पेड़ों तले
पत्तियों पर नाम लिखते
नेह डूबे दिन
मोर-पंखी आस्थाएं
स्वप्न से पलछिन
चिड़ियों से
चहकते
गुनगुनाए इक पुरानी प्रीत
तुम याद आए मीत।
पत्थरों को डालते
झील में लहरें उठाते
तोड़ते बन्धन
कृष्ण-राधा की कथाएं
देखतीं दरपन
हल्दी से
महकते
छोड़ आए वस्त्र कोई पीत
तुम याद आए मीत।
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(मेरे नवगीत संग्रह ‘‘आंसू बूंद चुए’’ से)
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सुन्दर मनोहारी गीत..
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद जिज्ञासा सिंह जी 🌹🙏🌹
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