बर्फीली रात
        - डॉ शरद सिंह
खिड़की की 
ठंडी 
सलाखों के बाहर
टहलती 
बर्फीली रात
देख रही
बर्फ के सिक्के 
जैसा चांद
जो लगा है 
पिघलने
यादों की आंच से
मिलेगी अब तो
ओस-भीगी सुबह।
         -------
#SharadSingh #Poetry #MyPoetry #World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh
#बर्फीली_रात #खिड़की #ठंडी #सलाखों #टहलती #बर्फ #सिक्के #चांद #पिघलने #यादों की आंच  #ओस-भीगी #सुबह
  
No comments:
Post a Comment