अर्ज़ है -
तंग गलियों में देख लो, जा के,
ज़िन्दगी बेलिबास दिखती है।
जिस्म की मंडियों में आलम ये,
एक रोटी पे रूह बिकती है।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
#शायरी #ग़ज़ल #डॉसुश्रीशरदसिंह
#DrMissSharadSingh #ShayariOfDrMissSharadSingh
#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh #तंग #गलियों #ज़िन्दगी #बेलिबास #जिस्म #मंडियों #आलम
#एकरोटी #रूह #बिकतीहै
बहुत ही तल्ख़ सच्चाई
ReplyDeleteबहुत ख़ूब !
ReplyDeleteजिस्म बिकता है,
रूह बिकती है
शाह अँधा है,
उस बिचारे को,
बात हर्गिज़ नहीं,
ये दिखती है.