30 May, 2023

शायरी | ज़िन्दगी बेलिबास दिखती है | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

अर्ज़ है -
तंग गलियों में देख लो, जा के,
ज़िन्दगी बेलिबास दिखती है।
जिस्म की मंडियों में आलम ये,
एक रोटी पे  रूह बिकती है।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

#शायरी #ग़ज़ल #डॉसुश्रीशरदसिंह
#DrMissSharadSingh #ShayariOfDrMissSharadSingh
#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh #तंग #गलियों #ज़िन्दगी #बेलिबास #जिस्म #मंडियों #आलम
#एकरोटी #रूह #बिकतीहै

2 comments:

  1. बहुत ख़ूब !
    जिस्म बिकता है,
    रूह बिकती है
    शाह अँधा है,
    उस बिचारे को,
    बात हर्गिज़ नहीं,
    ये दिखती है.

    ReplyDelete