जिस्मानी या रूहानी,
मज़दूर सभी होते हैं।
पूंजी के बाज़ार में हम
मजबूर सभी होते हैं।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
#मजदूरदिवस की शुभकामनाएं 🌹
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