अर्ज़ है -
वो सियासत का सगा जब से हुआ
गांव, घर, मां, बाप बेगाने लगें।
कुर्सियों की दौड़ में है दौड़ता
नेक बातें ख़ार-सी उसको चुभें।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
#शायरी #ग़ज़ल #डॉसुश्रीशरदसिंह
#DrMissSharadSingh #ShayariOfDrMissSharadSingh
#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh #सियासत #सगा #गांव #घर #मां #बाप #बेगाने #कुर्सियों #दौड़ #दौड़ता #नेक #बातें #ख़ार #चुभें
No comments:
Post a Comment