31 May, 2021

ध्वनियां | कविता | डॉ शरद सिंह

ध्वनियां
     - डॉ.शरदसिंह
मुझे सुनना है-
एन. राजम का वायलिन
हरिप्रसाद चौरसिया की बांसुरी
शिवकुमार शर्मा का संतूर
बीथोवन की सिम्फनी
बाख़ की कम्पोजीशन
मोरीत्सेविच का बैलेम्यू़ज़
ध्वनियां, ध्वनियां, 
ढेर सारी ध्वनियां

आए
समा जाए
मेरे कानों में
एक समुच्चय ध्वनियों का
ताकि दब जाए ध्वनि
असमय खोने से उपजे
अंतःरुदन की।
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