Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh |
Happy Vasant Panchami !!!
वसंत एक फूल
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गुज़रते वसंतों से
एक वसंत चुन कर
टांक लिया है मैंने
यादों के लहराते
बालों में फूल की तरह
अब हर वसंत में
खिल उठता है
वही फूल
*प्लेटोनिक प्रेम की तरह।
- डॉ. शरद सिंह
(*प्लेटोनिक प्रेम = अशरीरी प्रेम, वासनारहित प्रेम)
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#याद #शरदसिंह #वसंत #टांक_लिया #बालों_में #प्लेटोनिक_प्रेम #लहराते #बालोंमें #वसंतों
बेहतरीन
ReplyDeleteHardik Dhanyawad Vijay ji
Deleteबेहतरीन
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