Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh |
ज़िन्दगी उसी समय...
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ख़यालों के प्याले से
यादों की
कुछ मीठी चुस्कियां
ठीक वैसे ही
जैसे कोई देखे मुड़ कर देखे
और करे महसूस
किसी के पदचाप
किसी की उपस्थिति
किसी का अपनापन
और साथ चलने की ललक
ज़िन्दगी उसी समय
भर उठती है गर्मजोशी से
अचानक ... अनायास ...।
- डॉ. शरद सिंह
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