14 November, 2017

लावा .... डॉ शरद सिंह

Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh

लावा
-------
सीने में
धैर्य की टेक्टोनिक प्लेट्स
टकरा रही हैं आपस में

दरकने को आतुर है
धरती होंठों की
अनुभवों के
मोटे क्रस्ट के नीचे
उबल रहा है लावा
इन दिनों
गोया मुझमें मौजूद है
एक धरती
जिसे हो चला है
असहनीय
तुम्हारा भीतरघात-सा
अपर्यावर्णीय आचरण।
- डॉ शरद सिंह

#SharadSingh #Poetry #MyPoetry #World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh
#मेरीकविताए_शरदसिंह
#सीनेमें #धैर्य #टेक्टोनिक_प्लेट्स #दरकने #आतुर #होंठों #अनुभवों #क्रस्ट #लावा #इनदिनों #धरती
#असहनीय #तुम्हारा #भीतरघात #अपर्यावर्णीय #आचरण

1 comment:

  1. बहुत खूब.
    http://sabhindime.com/honey-gharelu-nuskhe-benefits/

    ReplyDelete