मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
छिपा पर छिपा न सका..
बहुत सुन्दर बहुत प्यारी प्रस्तुति...:-)
behtreen
sundar..bahut khoob
waah kya baat hai.
वाह अति सुन्दर.(अरुन =www.arunsblog.in)
अद्भुत मन के भाव जो नयनों से बयां हो जाते हैं
waah...waah.....bhaut khub.....
बहुत अच्छी पोस्ट। मरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।
वाह खूबसूरत पंक्तियाँ
बहुत ही अच्छी पोस्ट। मेरे नए पोस्ट पर आपका हार्दिक अभिनंदन है। धन्यवाद।
एक तरफा चाहत की सुन्दर अभिव्यक्ति ।
sunder abhivaktirachana
koi hame chup kar dekhe aaur ye ham jaan lein ya dekh le use jo dekh rahi hai hame chup ke to saanse tham see jaatee hain..hamesha ke tarah shandaar..
छुप छुप कर देखने की यह अदा निराली है शरद जी.गागर में ही सागर भर देतीं हैं आप.आभार.
छिपा पर छिपा न सका..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत प्यारी प्रस्तुति...
:-)
behtreen
ReplyDeletesundar..bahut khoob
ReplyDeletewaah kya baat hai.
ReplyDeleteवाह अति सुन्दर.
ReplyDelete(अरुन =www.arunsblog.in)
अद्भुत मन के भाव जो नयनों से बयां हो जाते हैं
ReplyDeletewaah...waah.....bhaut khub.....
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट। मरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।
ReplyDeleteवाह खूबसूरत पंक्तियाँ
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी पोस्ट। मेरे नए पोस्ट पर आपका हार्दिक अभिनंदन है। धन्यवाद।
ReplyDeleteएक तरफा चाहत की सुन्दर अभिव्यक्ति ।
ReplyDeletesunder abhivakti
ReplyDeleterachana
koi hame chup kar dekhe aaur ye ham jaan lein ya dekh le use jo dekh rahi hai hame chup ke to saanse tham see jaatee hain..hamesha ke tarah shandaar..
ReplyDeleteछुप छुप कर देखने की यह अदा निराली है शरद जी.
ReplyDeleteगागर में ही सागर भर देतीं हैं आप.
आभार.