मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
वाह ...सुंदर पंक्तियाँ
बहुत सुन्दर वाह वाह |
बहुत ही सुन्दर..
आपकी रचना पढ़ते पढ़ते एक शेर बन गया,हाज़िर है:-सोचा कि तुझको आज बतादें ख़ुदा क़सम.तुझसे हसीन हैं तेरी यादें ख़ुदा क़सम.
सुंदर पंक्तियाँ
बहुत सुंदर ...तेरी याद ही प्यास है तेरी याद ही एहसास है
ऐसी यादें ही जीवन भी होती हैं ... बहुत खूब ...
बहुत सुंदर...आँखों में याद समाए यह बाला भी किसी की यादों में बसी होगी
sirf yaad hi yaad hai..... behtreen....
याद सबसे अच्छा साथी है।
याद ना जाए...बीते दिनों की...बहुत खूब...
वाह ...सुंदर पंक्तियाँ
ReplyDeleteबहुत सुन्दर वाह वाह |
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर..
ReplyDeleteआपकी रचना पढ़ते पढ़ते एक शेर बन गया,हाज़िर है:-
ReplyDeleteसोचा कि तुझको आज बतादें ख़ुदा क़सम.
तुझसे हसीन हैं तेरी यादें ख़ुदा क़सम.
सुंदर पंक्तियाँ
ReplyDeleteबहुत सुंदर ...
ReplyDeleteतेरी याद ही प्यास है
तेरी याद ही एहसास है
ऐसी यादें ही जीवन भी होती हैं ... बहुत खूब ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर...
ReplyDeleteआँखों में याद समाए यह बाला भी किसी की यादों में बसी होगी
sirf yaad hi yaad hai..... behtreen....
ReplyDeleteयाद सबसे अच्छा साथी है।
ReplyDeleteयाद ना जाए...बीते दिनों की...बहुत खूब...
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