मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
क्या बात कही शरद जी....अद्भुत समर्पण..बहुत सुन्दर...अनु
वाह ... बहुत खूब कहा है आपने ... आभार
बहुत लाजवाब ... कमाल का लिखा है ...
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हमने सुना है प्यार में रोकडा चलता है बताइए भला प्यार उधार में मिलता है ?
very nice
अति सुंदर रचना है
बहुत खूब..
क्या बात कही शरद जी....
ReplyDeleteअद्भुत समर्पण..
बहुत सुन्दर...
अनु
वाह ... बहुत खूब कहा है आपने ...
ReplyDeleteआभार
बहुत लाजवाब ... कमाल का लिखा है ...
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ReplyDeleteहमने सुना है प्यार में रोकडा चलता है
ReplyDeleteबताइए भला प्यार उधार में मिलता है ?
very nice
ReplyDeleteअति सुंदर रचना है
ReplyDeleteबहुत खूब..
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