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A poem of Dr Sharad Singh |
My memories...
The river of my
memories
is drying
Nobody listen my tales –
stories
Grandchildren - granddaughters
do not need me
They have
there TV, video
because I'm a ‘Old dated’ !
My memories will
sleep with me
One day before
dawn ...
- Dr Sharad Singh
कहने भर से कितनी बातें बह जाती हैं।
ReplyDeleteकहानियों मे आज भी राजा रानी है
ReplyDeleteतुम्हारी स्मृतियों मे आज भी छू छू चिड़िया है
जो कभी आउट डेटेड नहीं हो सकतीं॥ मार्मिक पंक्तियाँ
हकीकत कहती भावपूर्ण रचना...
ReplyDelete''मैं तो ओल्ड डेटेड हूँ''
ReplyDeleteक्या खूब मर्म को उखेड़ा है आपने बहुत उत्कृष्ट तौर पे आप आज समाज में हो रहे वृद्धों पे अत्याचार को उजागर कर रही है वो भी उस अवस्था में जाकर। आपकी लेखनी को नमन करते हुए
आदरणीय जनाब ''मुनव्वर राणा'' साहब जी का शे'र याद आ रहा है
''तुम्हारी महफ़िलों में हम बड़े बूढ़े ज़रूरी हैं,
अगर हमीं नहीं होंगे, तो पगड़ी कौन बाँधेगा।
एक नज़र :- हालात-ए-बयाँ: ''कोई न सुनता,'अभी' जो बे-सहारे हैं''
विडम्बना
ReplyDeleteये कैसी विडम्बना है...?
ReplyDeleteहर सुखी नदी की ये ही कहानी....है ये रीत भी सदियों पुरानी !
ReplyDeleteये जीवन है ........