मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
बहुत उम्दा प्रस्तुति...!RECENT POST - फिर से होली आई.
बुढ़ापे का दूसरा नाम ...लाचारी है !
बुढ़ापे से पहले हम सभी को अपना सेल्फ हेल्प ग्रुप बना लेना चाहिये...ताकि बच्चे खुल के उड़ सकें...शिक्षा के लिये बॉडी करना एक अच्छा उपाय है...अंतिम कर्मों के लिये किसी परिजन का इंतज़ार करने से...
बुढ़ापा अवश्यम्भावी है...किन्तु आपस में मिल के इसे आसान किया जा सकता है...
बहुत उम्दा प्रस्तुति...!
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बुढ़ापे का दूसरा नाम ...लाचारी है !
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