आपका अंदाज़ आपका तेवर आपके ज़ज्बातों को बयाँ करने के लिए काफी है ,लेकिन आपके खुबसूरत चित्र उस पर चार चाँद लगा जाते हैं . सोचता हूँ की किसे नज़र अंदाज़ करने की गुस्ताखी करूँ किस पर नज़रें इनायत करूँ .......... LOVELY WORDS WITH BEAUTIFUL PICTURE.
बहुत ही सारगर्भित रचना । मेरे पोस्ट पर आपके एक-एक शब्द मेरा मनोबल बढ़ाने के साथ-साथ नई उर्जा भी प्रदान करते हैं । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
वाह.............
ReplyDeleteबहुत सुंदर शरद जी.....
सादर.
छांव बनी रहे ... ज़िंदगी कहानी बनती रहे ... सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteवाह.....सुंदर प्रस्तुति, शरद जी....
ReplyDeleteRESENT POST काव्यान्जलि ...: गजल.....
आपका अंदाज़ आपका तेवर आपके ज़ज्बातों को बयाँ
ReplyDeleteकरने के लिए काफी है ,लेकिन आपके खुबसूरत चित्र उस पर
चार चाँद लगा जाते हैं . सोचता हूँ की किसे नज़र अंदाज़
करने की गुस्ताखी करूँ किस पर नज़रें इनायत करूँ ..........
LOVELY WORDS WITH BEAUTIFUL PICTURE.
लाली तेरे लाल कि ...जित देखूं तित लाल ....
ReplyDeleteलाली देखन मैं गयी .....मैं भी हो गाई लाल ....
सुंदर अभिव्यक्ति ...
बहुत सुंदर
ReplyDeleteबोलते चित्र..
ReplyDeleteबढ़िया भाव ।
ReplyDeleteबधाई दीदी ।।
कविता को ऐसा छुआ, बनी कहानी आप ।
बिखरी थी लय बद्ध्ता, तेरा स्नेह-प्रताप ।।
छोटी दीदी
Deleteकविता का कहानी बनना, बहुत सुंदर
ReplyDeleteवाह,
ReplyDeleteमन में तरंग है,
खिला नया रंग है।
चित्रों के साथ भावनाओ का मेल अभिनव ,अद्भुत
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना..
ReplyDeleteवाह ...बहुत खूब।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव --------
ReplyDeleteकम पंक्तियों में गहन भाव समाना कोई आपसे सीखे।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteनैशार्गिक अभिव्यक्ति ,किसी विपरीत विधा के रूपकों के समामेलन की कल्पना ,सृजन के कारक बनते हैं तो अप्रतिम है ....प्रवाह है ,सुखद है ,चिरस्मरणीय है
ReplyDeletebahut sundar rachna
ReplyDeleteकविता का कहानी बनना कोई नई कहानी नहीं है
ReplyDeleteअच्छी पंक्तियां, अनूठे भाव।
ReplyDeleteबहुत सशक्त भावभिव्यक्ति नाम तेरे फिर कहानी हो गई ,यूं तो लिखनी थी नै कविता मुझे .यही तो प्रेम का विस्तार है लम्बे धारावाहिक सा .
ReplyDeleteकृपया यहाँ भी पधारें
सोमवार, 30 अप्रैल 2012
सावधान !आगे ख़तरा है
सावधान !आगे ख़तरा है
http://veerubhai1947.blogspot.in/
रविवार, 29 अप्रैल 2012
परीक्षा से पहले तमाम रात जागकर पढने का मतलब
http://veerubhai1947.blogspot.in/
रविवार, 29 अप्रैल 2012
महिलाओं में यौनानद शिखर की और ले जाने वाला G-spot मिला
http://veerubhai1947.blogspot.in/
शोध की खिड़की प्रत्यारोपित अंगों का पुनर चक्रण
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/शुक्रिया .
आरोग्य की खिड़की
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
आपकी कविता की चित्रमयी प्रस्तुति के लिये कुछ नया नाम ढूँढना चाहिये जैसे हायकू के साथ हाईगा.
ReplyDeleteकल 02/05/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
ReplyDeleteआपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
...'' स्मृति की एक बूंद मेरे काँधे पे '' ...
बहुत ही सारगर्भित रचना । मेरे पोस्ट पर आपके एक-एक शब्द मेरा मनोबल बढ़ाने के साथ-साथ नई उर्जा भी प्रदान करते हैं । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
bahut pyari kavita......
ReplyDeleteवाह ऋतु सुहानी और कविता कहानी, क्या बात है शरद जी । तस्वीर भी बहुत सुंदर ।
ReplyDelete