मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
बहुत सुंदर शे'र!उस पर आपके शब्द -जाल क्या कहने....!
har baar ki tarah behad dundar
वाह !!! क्या बात है बहुत सुंदर प्रस्तुति.....MY RESENT POST .....आगे कोई मोड नही ....
वाह! क्या बात है
वाह क्या बात है .....जीवन का यह पहलू भी खूबसूरती से अभिव्यक्त हुआ है ...!
कमाल है!
बहुत खूब ।
kamal kee jaadugari hai..sadar badhayee aaur amantran ke sath
जवाँ होने लगे जब वो तो हमसे कर लिया परदा...हया एकलख्त आई और शबाब आहिस्ता-आहिस्ता...सवाल-ए-वस्ल पर उनको उदु का खौफ है इतना...दबे होठों से देते हैं जवाब आहिस्ता-आहिस्ता...
सुंदर....
बहुत ही सुन्दर, वाह..
खुबसूरत चित्रों संग खुबसूरत भावों के साथ अति सुन्दर शब्द संयोजन हमेशा मन को गुदगुदा जाते है .शब्द कम पड़ते हैं, कम शब्दों में सब कुछ समझा जाते हैं .
chamakti hassi:)
हमें परवा न दुनिया और क्या क्या जान जायेगी मजा ही तब है, जब ये रो के अपना दिल जलायेगी
बहुत खूब .....
बहुत सुंदर शे'र!उस पर आपके शब्द -जाल क्या कहने....!
ReplyDeletehar baar ki tarah behad dundar
ReplyDeleteवाह !!! क्या बात है बहुत सुंदर प्रस्तुति.....
ReplyDeleteMY RESENT POST .....आगे कोई मोड नही ....
वाह! क्या बात है
ReplyDeleteवाह क्या बात है .....जीवन का यह पहलू भी खूबसूरती से अभिव्यक्त हुआ है ...!
ReplyDeleteकमाल है!
ReplyDeleteबहुत खूब ।
ReplyDeletekamal kee jaadugari hai..sadar badhayee aaur amantran ke sath
ReplyDeleteजवाँ होने लगे जब वो तो हमसे कर लिया परदा...
ReplyDeleteहया एकलख्त आई और शबाब आहिस्ता-आहिस्ता...
सवाल-ए-वस्ल पर उनको उदु का खौफ है इतना...
दबे होठों से देते हैं जवाब आहिस्ता-आहिस्ता...
सुंदर....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर, वाह..
ReplyDeleteखुबसूरत चित्रों संग खुबसूरत भावों के साथ अति सुन्दर शब्द
ReplyDeleteसंयोजन हमेशा मन को गुदगुदा जाते है .
शब्द कम पड़ते हैं, कम शब्दों में सब कुछ समझा जाते हैं .
chamakti hassi:)
ReplyDeleteहमें परवा न दुनिया और क्या क्या जान जायेगी
ReplyDeleteमजा ही तब है, जब ये रो के अपना दिल जलायेगी
बहुत खूब .....
ReplyDelete