"नवभारत" के रविवारीय परिशिष्ट में आज "नए साल में" शीर्षक ग़ज़ल प्रकाशित हुई है। आप भी पढ़िए...
नवभारत के लिए....
नए साल में
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
नए साल में हर नई बात हो।
ख़ुशियों की हरदम ही बरसात हो।
हो इंसानियत की तरफ़दारियां
सभी के दिलों में ये जज़्बात हो।
मुश्क़िल जो आई गए साल में
नए साल में उसकी भी मात हो।
सभी स्वस्थ रह कर जिएं ज़िन्दगी
दुखों का न कोई भी अब घात हो।
‘शरद’ की दुआ है अमन, चैन की
चमकता हुआ दिन भी हो, रात हो।
------------------
हार्दिक धन्यवाद #नवभारत 🙏
02.01.2022
#कविता #शरदसिंह #डॉसुश्रीशरदसिंह #DrMissSharadSingh #poetry #poetrylovers #poetrycommunity
#डॉशरदसिंह #SharadSingh #Poetry #poetrylovers #HindiPoetry #हिंदीकविता
#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh
आशा और विश्वास से भरी खूबसूरत ग़ज़ल .
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteसादर
आमीन!
ReplyDeleteका बात ? वाह !
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteसस्नेह
सादर।
सद्भावनाओं की ये कामना कुबूल हो शरद जी। नववर्ष मंगलमय हो।🙏🙏🌷🌷❤️❤️
ReplyDeleteवाह!!!
ReplyDeleteबहुत ही लाजवाब गजल।
बढ़िया !
ReplyDelete