02 January, 2022

नए साल में | ग़ज़ल | डॉ (सुश्री) शरद सिंह


"नवभारत" के रविवारीय परिशिष्ट में आज "नए साल में" शीर्षक ग़ज़ल प्रकाशित हुई है। आप भी पढ़िए...
नवभारत के लिए....

नए  साल  में
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

नए    साल   में    हर   नई   बात हो।
ख़ुशियों  की   हरदम ही  बरसात हो।

हो  इंसानियत    की    तरफ़दारियां
सभी  के  दिलों  में   ये  जज़्बात हो।

मुश्क़िल  जो   आई    गए  साल में
नए साल में   उसकी   भी  मात हो।

सभी  स्वस्थ  रह  कर जिएं ज़िन्दगी
दुखों का  न  कोई  भी अब घात हो।

‘शरद’ की  दुआ  है  अमन, चैन की
चमकता  हुआ दिन  भी हो, रात हो।
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हार्दिक धन्यवाद #नवभारत 🙏
02.01.2022
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8 comments:

  1. आशा और विश्वास से भरी खूबसूरत ग़ज़ल .

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  2. नववर्ष की हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएँ।
    सादर

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  3. बेहतरीन अभिव्यक्ति।
    सस्नेह
    सादर।

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  4. सद्भावनाओं की ये कामना कुबूल हो शरद जी। नववर्ष मंगलमय हो।🙏🙏🌷🌷❤️❤️

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  5. वाह!!!
    बहुत ही लाजवाब गजल।

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