23 April, 2021

हे सूरज | डॉ (सुश्री) शरद सिंह | प्रार्थना

हे सूरज !
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

हे सूरज! मेरी पृथ्वी की रक्षा तुम करना  
कोरोना के इस संकट में दुख सारे हरना

शिथिल हो चले जीवन बंधन को थामे रहना
प्राणवायु से हर मानव के जीवन को भरना

मानवत्रुटि मानव पर भारी हर पल है दिखती
एक क्षमा का अवसर मानव के हाथों धरना

निज दुख छोटा हुआ जा रहा मानव-दुख के आगे
शोकग्रस्त मानवता के हर दुख को कम करना

"शरद" प्रार्थना करती है, हर संभव तुम करना
सूर्य ! प्रखरता से अपनी, हर पीड़ा को हरना
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14 comments:

  1. निज दुख छोटा हुआ जा रहा मानव-दुख के आगे। आपकी भावनाएं स्तुत्य हैं शरद जी। आपकी प्रार्थना में समष्टि का हित निहित है।

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    1. जी,माथुर जी ! मनःस्थिति विचलित है...
      बस, प्रार्थना की शक्ति को आजमा रही हूं 🌹🙏🌹

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२४-०४-२०२१) को 'मैंने छुटपन में छिपकर पैसे बोये थे'(चर्चा अंक- ४०४६) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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    1. अनीता सैनी जी,
      इन अतिविपरीत परिस्थितियों में चर्चा मंच की जीवंतता एवं आत्मीयता स्तुत्य है।
      मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार 🌹🙏🌹

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  3. इस प्रार्थना में हम भी साथ हैं ....

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    1. हार्दिक धन्यवाद संगीता स्वरूप जी ...
      सम्वेत प्रार्थना शायद शीघ्र फलीभूत हो 🌹🙏🌹

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  4. हमारी प्रार्थना स्वीकार हो प्रभु को और ये दुःख के बदल छट जाए....

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    1. ऐसा ही कामिनी सिन्हा जी 🌹🙏🌹

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  5. आज हर मन की ईश्वर से यही प्रार्थना है

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  6. आपकी प्रार्थना में हम भी शामिल हैं।

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    1. हार्दिक धन्यवाद अनुराधा चौहान जी ...
      सम्वेत प्रार्थना शायद शीघ्र फलीभूत हो 🌹🙏🌹

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  7. बहुत सुंदर शरद जी परहिताय ये प्रार्थना तेजोमय आदित्य अवश्य सुनेगा।
    सुंदर कोमल भाव।

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    1. हार्दिक धन्यवाद कोठारी जी ...
      सम्वेत प्रार्थना शायद शीघ्र फलीभूत हो 🌹🙏🌹

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