29 September, 2020

अपने दिल की डायरी | डाॅ शरद सिंह | ग़ज़ल | वर्ल्ड हार्ट डे 20.09.2020 पर

 


ग़ज़ल : वर्ल्ड हार्ट डे पर - डाॅ शरद सिंह

खोल दें हम अपने दिल की डायरी।
फिर करें कुछ कच्ची-पक्की शायरी।


बोझ लें हम क्यूं भला, हर बात का
ज़िंदगी झिलमिल करें ज्यों फुलझरी।


आलमारी में रखे कुछ शब्द ढूंढे
फिर करें बातों में कुछ कारीगरी।


बोतलों के जिन्न-सी हर दुश्मनी
भूल सब आओ करें कुछ मसखरी।


कह रही सब से 'शरद', तुम भी सुनो
दिल की ख़ातिर भी रखो कुछ बेहतरी।

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#ग़ज़ल #शरदसिंह #डॉशरदसिंह

#SharadSingh #Shayari #Ghazal

#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh #WorldHeartDay2020



7 comments:


  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 30 सितम्बर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. हार्दिक आभार एवं धन्यवाद पम्मी सिंह तृप्ति जी🙏
      यह मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है कि मेरी ग़ज़ल को आपने ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में शामिल किया है।
      पुनः आभार 🙏

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  2. सही कहा है आपने, दिल पर जरा भी बोझ रखा तो भुगतना खुद को ही पड़ेगा

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    1. हार्दिक धन्यवाद अनिता जी 🙏

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  3. शरद जी, मैं आपको काफी पहले से पढ़ती आ रही हूं... भीम बैठका पर ल‍िखा लेख हो या पिछले पन्ने की औरतें ...सभी पढ़ा है...और आज ये द‍िल की बात ...बहुत खूब कही आपने

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    1. हार्दिक धन्यवाद अलकनंदा जी !!!
      मेरे लेखन के प्रति आपका स्नेह यूं ही बना रहे!!!
      मेरे सभी ब्लाॅग्स पर आपका स्वागत है।

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  4. बोझ लें हम क्यूं भला, हर बात का
    ज़िंदगी झिलमिल करें ज्यों फुलझरी।

    वाह क्या बात हैं।जाने क्यों मगर लोगो को इस बात को समझने करने में बहुत वक़्त लगता हैं।उन्हें तो बोझ उठाना ही मानो अच्छा लगता हैं।
    सूंदर प्रस्तुति।आभार

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