Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh |
स्मृतियां
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एक सीढ़ी की पायदान ही तो हैं
स्मृतियां
जो ले जाती हैं मुझे
ऊंचे, बहुत ऊंचे
बादलों से भी ऊपर
सातों आसमानों से भी ऊपर
जहां रहता है सफेद घोड़े वाला राजकुमार
और लंबे बालों वाली राजकुमारी
रहती है एक सुंदर परी भी
एक राक्षस, एक तोता भी
खड़ा है वहां एक महल
बसी है वहां एक बस्ती
उस झरने के क़रीब
जिसमें देखा-सुना है मछलियों को बतियाते
आज भी सुनती हूं मछलियों की हंसी
झरने की कल-कल
और मन करता है चढ़ जाने को सीढ़ी
जहां बचपन का कैनवास
सहेजे हुए है रंगों को ठीक वैसे ही जैसे
सहेज रखा है स्मृतियों ने मुझे
जीवन के कई पायदान चढ़ने के बाद भी।
- डॉ. शरद सिंह
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#मेरीकविताए_शरदसिंह
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झरने की कल-कल
और मन करता है चढ़ जाने को सीढ़ी
जहां बचपन का कैनवास
सहेजे हुए है रंगों को ठीक वैसे ही जैसे
सहेज रखा है स्मृतियों ने मुझे
जीवन के कई पायदान चढ़ने के बाद भी।
- डॉ. शरद सिंह
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