मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
शरद जी,...आपके दोनों लिंकों पर गया पढकर अच्छा लगा,..आभार RECENT POST....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....
हार्दिक आभार ...
सभी रचनाएं उम्दा हैं... आभार और बधाई
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
सभी रचनाएँ बहुत अच्छी लगीं .... आभार
जल्दी उगते जल्दी ढलतेदिन के जैसा साथ हमारामन को अब तक साल रहा हैइक अनुभव कुछ खारा-खाराअपने दुखड़ा बाँच रही हैंमेरी आँखें गीली गीलीBEAUTIFUL AND SO SO NICE AS PREDICTED, I LOVE IT .
बधाई शरद जी |
bahut sundar sharad ji..
Very thought full
शरद जी,...आपके दोनों लिंकों पर गया पढकर अच्छा लगा,..आभार
ReplyDeleteRECENT POST....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....
हार्दिक आभार ...
ReplyDeleteसभी रचनाएं उम्दा हैं... आभार और बधाई
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteसभी रचनाएँ बहुत अच्छी लगीं .... आभार
ReplyDeleteजल्दी
ReplyDeleteउगते जल्दी ढलते
दिन के जैसा साथ हमारा
मन को अब तक साल रहा है
इक अनुभव कुछ खारा-खारा
अपने दुखड़ा बाँच रही हैं
मेरी आँखें
गीली गीली
BEAUTIFUL AND SO SO NICE AS PREDICTED, I LOVE IT .
बधाई शरद जी |
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