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18 December, 2023

शायरी | झूठ | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

तुम्हारे झूठ भी सच मान कर चलने लगे थे,
मगर अब सच कहोगे तो यक़ीं कर ना सकेंगे।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

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05 May, 2019

मगर इतना पता था ..( ग़ज़ल ) ... - डॉ शरद सिंह

Dr (Miss) Sharad Singh

मुझे मालूम था, तुझको  नहीं   मुझ  पर  यक़ीं होगा
मगर इतना पता था, मुझको खुद पर तो यक़ीं होगा
- डॉ शरद सिंह