मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
ठूँठ-नंगा ही सही खड़ा है दरख्त!इंतज़ार में, कभी तो बरसात होगी !
ठूँठ-नंगा ही सही खड़ा है दरख्त!
ReplyDeleteइंतज़ार में, कभी तो बरसात होगी !