मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
प्राणि में ही वेदना.संवेदना , साहचर्य-वुभुक्षा , मूल-प्रवृत्तिज दोष-गुण ,सब जन्मजात ही होते हैं !ना व्यक्त करे , मिथ्याचारी !
प्राणि में ही
ReplyDeleteवेदना.संवेदना ,
साहचर्य-वुभुक्षा , मूल-प्रवृत्तिज दोष-गुण ,
सब जन्मजात ही होते हैं !
ना व्यक्त करे , मिथ्याचारी !