Mohabbat Me Shararat Ka... Ghazal of Dr (Miss) Sharad Singh
मुहब्बत में शरारत का मज़ा कुछ और होता है कहा इक ने तो दूजे ने सुना कुछ और होता है यही है तो अलग अंदाज़ा अपने इश्क़ का, बेशक़ कि दुनिया और कुछ समझे, हुआ कुछ और होता है - डॉ. शरद सिंह
मुहब्बत का शरारत का मजा कुछ और होता है कहा एक ने तो दूजे ने सुना कुछ और होता है यही है तो अलग अंदाज़ अपने इश्क का बेशक की दुनिया और कुछ समझे हुआ कुछ और होता है जब ये सब बिना सुने ही समझ ले वो इशारा भी कुछ अलग होता है आंखे मिले भीड़ में भी भले कुछ पल के लिए ही सही पर बाद में उन दोनों का किनारा एक ही होता है ऐसे हालतों को लफ्ज़ो में सजाएं रखना भी आसान नही होता है पर वक़्त भी उस भरी महफिल से अलग एक उसका एक नजर ऐसे देख लेने भर का भी अजब से अलग अहसास होता है
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद कैलाश शर्मा जी
Deleteमुहब्बत का शरारत का मजा कुछ और होता है कहा एक ने तो दूजे ने सुना कुछ और होता है यही है तो अलग अंदाज़ अपने इश्क का बेशक की दुनिया और कुछ समझे हुआ कुछ और होता है जब ये सब बिना सुने ही समझ ले वो इशारा भी कुछ अलग होता है आंखे मिले भीड़ में भी भले कुछ पल के लिए ही सही पर बाद में उन दोनों का किनारा एक ही होता है ऐसे हालतों को लफ्ज़ो में सजाएं रखना भी आसान नही होता है पर वक़्त भी उस भरी महफिल से अलग एक उसका एक नजर ऐसे देख लेने भर का भी अजब से अलग अहसास होता है
Delete