14 September, 2018

हिन्दी कहां खो रही ... - डॉ शरद सिंह

Shayari of Dr Sharad Singh
हिन्दी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं ....और एक चिन्तन...

सोचती हूं कि हिन्दी कहां खो रही
बढ़ रहा आंग्ल का ही है खाता-बही
एक पर एक ग्यारह नहीं है पता
आज बच्चे ‘इलेवन’ को जानें सही
‘इंडिया’ जो कहें आधुनिक-सा लगे
नाम ‘भारत’ तो मानो पुरातन वही
चाह मन की ये सबसे कहूं आज मैं
काश! दुनिया की भाषा हो हिन्दी कभी
- डॉ शरद सिंह


#हिन्दी_दिवस
#हिन्दीदिवस

4 comments:

  1. https://bulletinofblog.blogspot.com/2018/09/blog-post_14.html

    ReplyDelete
  2. हिन्दी अपने आप बढ़ेगी , हम अपना कर्तव्य निभाएं !
    हिन्दी में ही लिखें-पढ़ें हम , हिन्दी में ही नाचें-गाएं !!

    ReplyDelete
  3. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete