15 May, 2018

ठीक वहीं से ... डॉ शरद सिंह

Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh

ठीक वहीं से
---------------
शब्द खो देते हैं
जब अपनी ध्वनियां
ठीक वहीं से

शुरु होता है
अंतर्मन का कोलाहल
और गूंज उठता है
प्रेम का अनहद नाद
बहने लगता है
अनुभूतियों का लावा
धमनियों में
रक्त की तरह।
- डॉ शरद सिंह


#शरदसिंह #मेरीकविता #SharadSingh #Poetry #MyPoetry #World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh
#शब्द #ध्वनियां #अंतर्मन #कोलाहल #गूंज #प्रेम #अनहद_नाद #अनुभूतियों #लावा #धमनियों #रक्त

No comments:

Post a Comment