Sharad Singh
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03 April, 2017
ऐसा लगता है ...
Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh
सूखी पत्ती पैरों में दब कुछ न कुछ तो बोलेगी
दबी ज़िन्दगी का हर पहलू धीरे -धीरे खोलेगी
इतनी ज़्यादा दुखी दिखाई देती है, चिट्ठी पढ़ कर
ऐसा लगता है वह जा कर तक़िया अभी भिगो लेगी
- डॉ शरद सिंह
#Shayari
#SharadSingh
1 comment:
दिगम्बर नासवा
Monday, April 03, 2017 6:58:00 PM
बहुत खूब ... लाजवाब मुक्तक ..
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बहुत खूब ... लाजवाब मुक्तक ..
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