Sharad Singh
मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
पृष्ठ
HOME
ABOUT ME
लेखिका शरद सिंह का व्यक्तित्व एवं कृतित्व
डॉ. शरद सिंह सम्मानित
मेरी कुछ ग़ज़लें
वरिष्ठ नागरिकों पर कविताएं
PHOTO
14 February, 2017
न जाने क्यूं लगाए आस बैठा है ...
Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh
न जाने क्यूं लगाए आस बैठा है ये पागल दिल
वो आए गर तो हो जाए इसे भी फिर सुकूं हासिल
- डॉ शरद सिंह
#
Shayari
#
SharadSingh
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment