मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
wah , behtreen
बहुत खूब .... सब कुछ तेरी याद ।
आज फिर हम पे भारी है यह रात,आज फिर निकलेगी यादों की बरात ...... शुभकामनायें!
तेरी याद मेरा वजूद है ,मेरे साथ ही ये रुके चले ,तेरी याद में मेरी शब कटे ,तेरी याद में मेरा दिन ढले बहुत खूब कहा है कम शब्दों में एक पूरे एहसास को संजोया है .मेरी सांस तेरा वजूद है ,तेरे साथ ही ये रुके चले .
आपकी इन पक्तियों ने मन के संवेदनशील तारों को झंकृत कर दिया। मेरे नए पोस्ट पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद।
वाह ... बहुत खूब।
bhaut khub...
तेरी याद मेरा वज़ूद है … वाह ! वाऽह ! क्या बात है ! आदरणीया डॉ. शरद जी …आपकी लेखनी के मुरीद हैं हम … शुभकामनाओं सहित…
सुंदर यादें ...जो सदा छाई रहें ....!!शुभकामनायें ...!!
प्रभावशाली ...
behad sadgi se dil ko chhune wali panktiyan.
wah , behtreen
ReplyDeleteबहुत खूब .... सब कुछ तेरी याद ।
ReplyDeleteआज फिर हम पे भारी है यह रात,
ReplyDeleteआज फिर निकलेगी यादों की बरात ......
शुभकामनायें!
तेरी याद मेरा वजूद है ,
ReplyDeleteमेरे साथ ही ये रुके चले ,
तेरी याद में मेरी शब कटे ,
तेरी याद में मेरा दिन ढले
बहुत खूब कहा है कम शब्दों में एक पूरे एहसास को संजोया है .मेरी सांस तेरा वजूद है ,तेरे साथ ही ये रुके चले .
आपकी इन पक्तियों ने मन के संवेदनशील तारों को झंकृत कर दिया। मेरे नए पोस्ट पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद।
ReplyDeleteवाह ... बहुत खूब।
ReplyDeletebhaut khub...
ReplyDeleteतेरी याद मेरा वज़ूद है …
वाह ! वाऽह !
क्या बात है !
आदरणीया डॉ. शरद जी
…आपकी लेखनी के मुरीद हैं हम …
शुभकामनाओं सहित…
सुंदर यादें ...जो सदा छाई रहें ....!!
ReplyDeleteशुभकामनायें ...!!
प्रभावशाली ...
ReplyDeletebehad sadgi se dil ko chhune wali panktiyan.
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