Sharad Singh
मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
पृष्ठ
HOME
ABOUT ME
लेखिका शरद सिंह का व्यक्तित्व एवं कृतित्व
डॉ. शरद सिंह सम्मानित
मेरी कुछ ग़ज़लें
वरिष्ठ नागरिकों पर कविताएं
PHOTO
Showing posts with label
दया
.
Show all posts
Showing posts with label
दया
.
Show all posts
09 April, 2022
मुक्तक | धूप को धूप जो नहीं लगती | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
मुक्तक
पी के पानी भी,प्यास है जगती।
छांह भी आजकल मिले तपती।
क्यों दया आएगी भला उसको
धूप को धूप जो नहीं लगती।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)