07 March, 2019

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को समर्पित ग़ज़ल... धूप हैं, पानी, हवा हैं, बिजलियां हैं औरतें - डॉ शरद सिंह

Auraten ... Ghazal By Dr (Miss) Sharad Singh on Inter National Women's Day
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को समर्पित ग़ज़ल...
 

धूप हैं, पानी, हवा हैं, बिजलियां हैं औरतें।
हैं शिला जैसी अडिग तो तितलियां हैं औरतें।


भावनाओं की सघन छाया सरीखी ये सभी
ज़िन्दगी की धूप में, नम बदलियां हैं औरतें।


माँ की ममता है इन्ही में, है बहन का प्यार भी
ज्यों सघन अपनत्व वाली डालियां हैं औरतें।


प्रेम हैं, संवेदना है, आस्था, विश्वास हैं
खाक़ कर दें जो बुराई, तीलियां हैं औरतें।


- डॉ शरद सिंह

2 comments:

  1. बहुत प्रभावी और लाजवाब ग़ज़ल ...
    हर शेर नारी के विशेष होने का प्रमाण है ... बहुत उम्दा ...

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  2. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार दिगम्बर नास्वा जी

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