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Poetry on Vasant by Dr Sharad Singh |
वसंत
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एक एहसास है वसंत
धूप के गरमाने का
मन के भरमाने का
मौसम के बदलने का
रंगों में ढलने का
सारे दुख भूल कर
प्रेम-डगर चलने का...
- डॉ शरद सिंह
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