25 July, 2017

खुली किताब सा मेरा मन .... डॉ. शरद सिंह

Poetry of Dr (Miss) Sharad Singh

खुली किताब सा मेरा मन
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खुली किताब सा मेरा मन
पर
क्या पढ़ने की फ़ुर्सत है
उसे
और पढ़ कर
समझने की?

2 comments:

  1. बहुत सही कहा आपने.
    रामराम
    #हिन्दी_ब्लॉगिंग

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