Dr Sharad Singh |
खेतों की बात है निराली
धानी-सी चूनर
बिखराए चहुंओर
सुन्दर-सी प्यारी हरियाली....
- डॉ शरद सिंह
Dr Sharad Singh |
Dr Varsha Singh |
Dr Varsha Singh |
अन्न है
जीवन है
हरियाली ही तो
धन है
प्रकृति का
दरपन है...
- डॉ शरद सिंह
अकुलाया
मन
शहर छोड़
चला गांव
ढूंढेगा वहीं ठांव...
- डॉ शरद सिंह
यहीं कहीं
बसना है
खेतों में
रसना है
चाहत की
वीणा के
तारों को
कसना है...
- डॉ शरद सिंह
खेतों की बात वाकई निराली है...
ReplyDeleteजी हां, वाणभट्ट जी,
Deleteखेतों की हरियाली मन को भी ऊर्जा देती है..
.आप तो स्वयं यायावर हैं...
खेत खालिआनो को बाखूबी शब्दों में रचा है ... फोटो भी कमाल के हैं सभी ...
ReplyDeleteधन्यवाद दिगम्बर जी...
Deleteमुझे प्रकृति की सुन्दरता हमेशा लुभाती है....
सच ..
ReplyDeleteहरे भरे खेत खलियान देख मन उमंग से भर आता है ..
बहुत सुन्दर चिंत्रण ,..
आभार कविता जी...
Deleteदेखिए न, आजकल प्रकृति की सुन्दरता इंसान तेजी से क्षरण करता जा रहा है जिसे देख कर दुख होता है...