मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
Muskurana hi jindagi hai
खुबसूरत अभिवयक्ति...... .
कर्ज चढ़ा हर मुस्कानों पर।
दिल की बात जुबान पर आ ही जाती है . बहुत ही सुन्दर लाइन्स।
क्या बात है .....!!पर ये कर्ज उतारना भी मुश्किल होगा है न ....?
वाह,,,बहुत उम्दा प्रस्तुति,,,recent post: किस्मत हिन्दुस्तान की,
Muskurana hi jindagi hai
ReplyDeleteखुबसूरत अभिवयक्ति...... .
ReplyDeleteकर्ज चढ़ा हर मुस्कानों पर।
ReplyDeleteदिल की बात जुबान पर आ ही जाती है . बहुत ही सुन्दर लाइन्स।
ReplyDeleteक्या बात है .....!!
ReplyDeleteपर ये कर्ज उतारना भी मुश्किल होगा है न ....?
वाह,,,बहुत उम्दा प्रस्तुति,,,
ReplyDeleterecent post: किस्मत हिन्दुस्तान की,