15 January, 2013

मेरा बसेरा....


8 comments:

  1. बहुत सुंदर विचारणीय प्रस्तुति,,,

    recent post: मातृभूमि,

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  2. बेकार है
    ईंट-पत्थर का 'बसेरा' ...
    आजकल सड़क से ही
    दिख पाता है ... होता सवेरा।

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  3. घुमंतू जीवन की दास्तान बयान करती और चित्र ने उसे जीवंत कर दिया , बहुत ही खुबसूरत

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  4. है जहाँ पर मेरा डेरा,
    है वही मेरा बसेरा।

    संजय कुमार शर्मा 'राज़'

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