मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
वहां तो एक भीष्म थे पर यहां तो न जाने कितने भीष्म हैं.
speechless..........
निशब्द करती लाजबाब प्रस्तुति,,,recent post : समाधान समस्याओं का,
आपकी लाजवाब करती सम सामयिक प्रस्तुति को समर्पित न होगा हादसा न आंसू ये तमाशा बनने देंगे.क्यूँ होगा मौन जन आत्मा तपे संताप से यूँ?
बेहतरीन शब्द, पंक्तियाँ बधाई
पुरे हादसे का दर्द बयाँ कर दिया आपने ......निशब्द!
मौन क्यों दरबार है,विदुर-स्वर क्यों हार है?
बहुत सुन्दर और सार्थक लेखन ....
बस.... इसके बाद कुछ कहने को रह ही कहां जाता.......
फिर सभा दुर्योधनों की सज गई ... बहुत शर्म की बात है यह !2014 में अवसर होगा दुर्योधनों की सभा ध्वस्त करने का ... सदैव बहुत अच्छा लिखती हैं आप आदरणीया डॉ. शरद सिंह जी ! आभार सहित नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं… राजेन्द्र स्वर्णकार
वहां तो एक भीष्म थे पर यहां तो न जाने कितने भीष्म हैं.
ReplyDeletespeechless..........
ReplyDeleteनिशब्द करती लाजबाब प्रस्तुति,,,
ReplyDeleterecent post : समाधान समस्याओं का,
आपकी लाजवाब करती सम सामयिक प्रस्तुति को समर्पित
ReplyDeleteन होगा हादसा न आंसू ये तमाशा बनने देंगे.
क्यूँ होगा मौन जन आत्मा तपे संताप से यूँ?
बेहतरीन शब्द, पंक्तियाँ बधाई
ReplyDeleteपुरे हादसे का दर्द बयाँ कर दिया आपने ......
ReplyDeleteनिशब्द!
मौन क्यों दरबार है,
ReplyDeleteविदुर-स्वर क्यों हार है?
बहुत सुन्दर और सार्थक लेखन ....
ReplyDeleteबस.... इसके बाद कुछ कहने को रह ही कहां जाता.......
ReplyDeleteफिर सभा दुर्योधनों की सज गई ...
बहुत शर्म की बात है यह !
2014 में अवसर होगा दुर्योधनों की सभा ध्वस्त करने का ...
सदैव बहुत अच्छा लिखती हैं आप
आदरणीया डॉ. शरद सिंह जी !
आभार सहित
नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं…
राजेन्द्र स्वर्णकार