12 June, 2019

आपराधिक हो चला वातावरण ...(ग़ज़ल) - डॉ शरद सिंह

Aapradhik Ho Chala Vatavaran ... Ghazal of Dr (Miss) Sharad Singh
उन सभी बच्चियों को याद करते हुए जो आज जीवित होतीं अगर समाज में दरिंदे न होते...

आपराधिक हो चला वातावरण
हो चला संदिग्ध सबका आचरण
जब सुरक्षित ही नहीं हैं बच्चियां
उठ गया इंसानियत का आवरण

- डॉ शरद सिंह


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