सूरत हादसा .... भावभीनी श्रद्धांजलि...
वे अभी बच्चे ही तो थे
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व्यवस्था की अनदेखी ने
बनने दिया था उनके लिए
लाक्षागृह
जिसमें नहीं था कोई गुप्तद्वार
वे जलते रहे
और मुंहचुराती रही व्यवस्था
अवैध निर्माण के नीचे
वे अभी बच्चे ही तो थे
भविष्य के सुनहरे सपनों से भरे हुए।
- डॉ शरद सिंह
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (26 -05-2019) को "मोदी की सरकार"(चर्चा अंक- 3347) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
....
अनीता सैनी
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 25/05/2019 की बुलेटिन, " स्व.रासबिहारी बोस जी की १३३ वीं जयंती - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteसही कहा
ReplyDeleteबेहद हृदयस्पर्शी
ReplyDeleteहृदय स्पर्शी रचना ।
ReplyDeleteअश्रु पुरित श्रद्धांजलि। 🙏