मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
बहुत खूब ... आज के जमाने में पत्र ... बहुत खूब ...
बेहतरीन सादर
जो गर्माहट पत्र में है वो मेल-चैट में कहाँ....बहुत सुन्दर....अनु
बहुत सुंदर
यह रचना वास्तव में कमाल की है.... चित्र भी आप रचना के अनुसार ढूँढ ही लेते हैं.या फिर चित्र पहले मिलता है और रचना बाद में रची जाती है.यदि यह बात है तो भी कमाल है आपका सृजन.साधु!
bahut badhiya sharad jee ....badhai bhi aapke achivment ke liye....
नेट चैट के युग में कागज़ थाम लिया वाह! बहुत खूब.
waah ...bahut sundar ...
आज के जमाने में पत्र ...दुर्लभ......!
बड़ी कथा !
चित्र ज्यादा खूबसूरत है या कविता...तय नहीं कर पा रही|पत्र का सुखद एहसास...
चित्र के हिसाब से पत्र अच्छा लगा,,,,,,सुखद प्रस्तुति,,,RECENT POST ,,,,फुहार....: न जाने क्यों,
कागज में एहसास अभी बाकी है..
वो फूल को किताबों के पास रखता है,मुहब्बतों का मौसम कुछ खास रखता है।
बहुत खूब
दाँतों में उँगलियों का दबाना कमाल है.तस्वीर-ए-ब्लॉग देख के जीना मुहाल है.
जमाना कहीं भी पहुँच जाए, कागजों में जो लिखा जाता है वह बहुत मायने रखता है और कभी न ख़त्म होने के लिए होता है.
बहुत खूब ... आज के जमाने में पत्र ... बहुत खूब ...
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
जो गर्माहट पत्र में है वो मेल-चैट में कहाँ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर....
अनु
बहुत सुंदर
ReplyDeleteयह रचना वास्तव में कमाल की है....
ReplyDeleteचित्र भी आप रचना के अनुसार ढूँढ ही लेते हैं.
या फिर चित्र पहले मिलता है और रचना बाद में रची जाती है.
यदि यह बात है तो भी कमाल है आपका सृजन.
साधु!
bahut badhiya sharad jee ....badhai bhi aapke achivment ke liye....
ReplyDeleteनेट चैट के युग में कागज़ थाम लिया
ReplyDeleteवाह! बहुत खूब.
waah ...bahut sundar ...
ReplyDeleteआज के जमाने में पत्र ...
ReplyDeleteदुर्लभ......!
बड़ी कथा !
ReplyDeleteचित्र ज्यादा खूबसूरत है या कविता...तय नहीं कर पा रही|
ReplyDeleteपत्र का सुखद एहसास...
चित्र के हिसाब से पत्र अच्छा लगा,,,,,,सुखद प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteRECENT POST ,,,,फुहार....: न जाने क्यों,
कागज में एहसास अभी बाकी है..
ReplyDeleteवो फूल को किताबों के पास रखता है,
ReplyDeleteमुहब्बतों का मौसम कुछ खास रखता है।
बहुत खूब
ReplyDeleteदाँतों में उँगलियों का दबाना कमाल है.
ReplyDeleteतस्वीर-ए-ब्लॉग देख के जीना मुहाल है.
जमाना कहीं भी पहुँच जाए, कागजों में जो लिखा जाता है वह बहुत मायने रखता है और कभी न ख़त्म होने के लिए होता है.
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