आज मंगलवार 8 मार्च 2011 के महत्वपूर्ण दिन "अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस" के मोके पर देश व दुनिया की समस्त महिला ब्लोगर्स को "सुगना फाऊंडेशन जोधपुर "और "आज का आगरा" की ओर हार्दिक शुभकामनाएँ.. आपका आपना
कम शब्दों में गहन बात आपसे सीखने लायक है ... और सीखने लायक है प्रस्तुतिकरण का तरीक़ा। (किस तरह से आप इस पोस्ट को बनायी हैं, हो सके तो यह राज़ शेयर कीजिए।)
सम्मानिय शरद मेम ! प्रणाम ! क्या कहू आप के अल्फाजो को पढ़ , दिल को छूती है हर रचना , कम शब्दों में बेदी बात , छोटी कविताए मेरी पसंदीदा होती है . साधुवाद सादर !
"क्योंकि वही तो आधी दुनिया और पूरी स्त्री है." हमें तो वही पूरी दुनिया ही समझ आती है क्योंकि बाक़ी आधी दुनिया की जन्मदात्री भी तो वह ही है.ईश्वर को भी पहले 'त्वमेव माता' बोला गया,शेष रिश्ते बाद में बने.पदार्थ भी उर्जा का ही संघटित रूप है.जो कुछ है बस उर्जा ही उर्जा है.
आपके बारे में हमें "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" पर शिखा कौशिक व शालिनी कौशिक जी द्वारा लिखे गए पोस्ट के माध्यम से जानकारी मिली, जिसका लिंक है......http://www.upkhabar.in/2011/03/vandana-devi-nutan-shikha-mamta-preeti.html
इस ब्लॉग की परिकल्पना हमने एक भारतीय ब्लॉग परिवार के रूप में की है. हम चाहते है की इस परिवार से प्रत्येक वह भारतीय जुड़े जिसे अपने देश के प्रति प्रेम, समाज को एक नजरिये से देखने की चाहत, हिन्दू-मुस्लिम न होकर पहले वह भारतीय हो, जिसे खुद को हिन्दुस्तानी कहने पर गर्व हो, जो इंसानियत धर्म को मानता हो. और जो अन्याय, जुल्म की खिलाफत करना जानता हो, जो विवादित बातों से परे हो, जो दूसरी की भावनाओ का सम्मान करना जानता हो.
और इस परिवार में दोस्त, भाई,बहन, माँ, बेटी जैसे मर्यादित रिश्तो का मान रख सके.
धार्मिक विवादों से परे एक ऐसा परिवार जिसमे आत्मिक लगाव हो..........
मैं इस बृहद परिवार का एक छोटा सा सदस्य आपको निमंत्रण देने आया हूँ. आपसे अनुरोध है कि इस परिवार को अपना आशीर्वाद व सहयोग देने के लिए follower व लेखक बन कर हमारा मान बढ़ाएं...साथ ही मार्गदर्शन करें.
आपकी प्रतीक्षा में...........
हरीश सिंह
संस्थापक/संयोजक -- "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" www.upkhabar.in/
sagebob, आपने स्त्रियों के सम्मान में बहुत सुन्दर विचार व्यक्त किए... आभारी हूं अपने विचारों से अवगत कराने के लिए। हार्दिक धन्यवाद! इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
डॉक्टर शऱद बहुत बहुत धन्यवाद रसबतिया पर आने और उत्साह बढ़ाने के लिए । आपकी कविता बहुत अच्छी लगी । आपका परिचय पढ़ कर बहुत अच्छा लगा । भविष्य में भी अपना स्नेह ऐसे ही बनाए रखें
न्यून शब्दों में पूर्ण नारी परिभाषा!! अनुत्तर्… लाजवाब!!
डॉक्टर साहिबा,
यदि आपकी शाकाहार जाग्रति में रुचि हो तो मैं 'निरामिष'ब्लॉग पर योगदानकर्ता लेखक के तौर पर आपको आमंत्रित करना चाहता हूँ। कृपया मेल द्वारा आपका मेल पता भेजें जहाँ में आमंत्रण भेज सकुं। मेल: niramish@live.in
ब्लॉग निरामिश : http://niraamish.blogspot.com/
आप जैसी विद्वान का निरामिष पर लेखन सभी के लिये प्रेरणादायी होगा। आभार!!
आपको, आपके परिवार को होली की अग्रिम शुभकामनाएं!! मैंने आने में जरा देर कर दी इसके लिए माफ़ी चाहूँगा. बहुत सुन्दर ! आपकी कविता को हम क्षणिकाएं भी कह सकते हैं. कम से कम शब्दों में पूरी बातें कह देना ये कोई आपसे सीखे. वेदों में भी परमेश्वर को माता की संज्ञा दे कर कुछ इस तरह कहा गया है - हिरण्य गर्भः समवर्तताग्रे भूतस्य जातः पतिरेक आसीत स दाधार प्रिथविमद्यामुतइमाम अर्थात तेज ही तेज है जिसके गर्भ में जो पहले से ही विद्यमान है, जिसने समस्त जीवों को उत्पन्न किया है, जो हमारा पालनपोसन करने वाला है. जिसने सारे ब्रह्माण्ड को धारण किया है
aadhi duniyaa hi poori duniyaa ,is kaaynaat srishti ko chlaa rhi hai .uttarjivitaa ,jijeevishaa bhi naari me hi jyaadaa hai ,sahansheeltaa bhi, isi- liye to vah dharti hai . veerubhai.
इतने कम शब्द और सृष्टि का ज्वलंत रूप ... बधाई हो
ReplyDeleteबहुत ही सही कहा आपने स्त्री बिना तो जीवन की कल्पना ही नहीं कि जा सकती....नारी ही सारी सृष्टि है...बहुत सुंदर रचना.....।
ReplyDeleteकम शब्दों में गहरी बात बहुत सुंदर !!
ReplyDeleteरश्मि प्रभा जी,
ReplyDeleteआपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
इस उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं....
Er. सत्यम शिवम जी,
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद एवं आभार...
आपका सदा स्वागत है।
सुनील कुमार जी,
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद ...
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
bahut hee sargarbhit rachna...badhai
ReplyDeletecomplete description of a woman .सुंदर वर्णन स्त्री का -
ReplyDeleteमहिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
विजय कुमार वर्मा जी,
ReplyDeleteआपको बहुत-बहुत धन्यवाद...
आभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
अनुपमा जी,
ReplyDeleteआपको भी महिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं...
हार्दिक धन्यवाद! सम्वाद बनाएं रखें।
बहुत सुंदर.... शुभकामनाएं...
ReplyDeleteडॉ॰ मोनिका शर्मा,
ReplyDeleteआभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
हार्दिक धन्यवाद!
इतने कम शब्दों में इतनी सुंदर बात कही है कि मन प्रसन्न हो गया.
ReplyDeleteNaari Shakti ka bahut hi prabhavshali, saarthak aur bahut sundar varnan vo bhi thode se shabdon men !
ReplyDeleteBadhai aur shubhkamnaen bhi sweekaren !!
रचना दीक्षित जी,
ReplyDeleteआपका आना सुखद लगा ...हार्दिक धन्यवाद!
रजनीश तिवारी जी,
ReplyDeleteआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया...
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।
कहीं लिखा था मैंने..
ReplyDeleteमैं आधे से भी क्षीण रहा, जब छीन लिया आधा तुमने।
http://kanpurashish.blogspot.com/2011/03/blog-post.html
ReplyDeleteप्रवीण पाण्डेय जी,
ReplyDeleteआभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
हार्दिक धन्यवाद!
कानपुर.....,
ReplyDeleteआपका स्वागत है।
विचारों से अवगत कराते तो और प्रसन्नता होती।
gagar main sagar bhar diya....
ReplyDeletebahut bahut badhai ho...
jai baba banaras.........
कौशल किशोर मिश्र (Poorviya)जी,
ReplyDeleteआपने मेरी कविता को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद!
गागर में सागर भर दिया आपने.. महिला दिवस पर आपको शुभ कामनायें.
ReplyDeleteमोहिन्दर कुमार जी,
ReplyDeleteआभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
हार्दिक धन्यवाद!
आपको भी हार्दिक शुभ कामनायें आभार।
आज मंगलवार 8 मार्च 2011 के
ReplyDeleteमहत्वपूर्ण दिन "अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस" के मोके पर देश व दुनिया की समस्त महिला ब्लोगर्स को "सुगना फाऊंडेशन जोधपुर "और "आज का आगरा" की ओर हार्दिक शुभकामनाएँ.. आपका आपना
'आधी दुनिया' और 'पूरी स्त्री' का बिम्ब अनूठा है. रचना निसंदेह सुन्दर है. बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteगागर में सागर है यह कविता.
ReplyDeleteमहिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं.
बिलकुल सच है.
ReplyDeleteमहिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं.
sabse pehle mahila divas ki hardik shubhkamnaye. rashmi prabha ji k sath sehmat hu.
ReplyDeletedainik bhaskar PUNJAB k city pullout's ka 2-3 page ka header bhi aadhi duniya hi hai.
इतने कम शब्दों में आपने इतनी गहरी अभिव्यक्ति को साकार किया है कि निशब्द हो गया हूँ !
ReplyDeleteआभार !
दिल को छू लेने वाली एक बहुत ही अच्छी कविता.
ReplyDeleteमहिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
सादर
वाह, चंद लफ़्जों में पूरा संसार समा गया, बहुत लाजवाब रचना.
ReplyDeleteरामराम.
वाह !
ReplyDeleteगागर में सागर भरने की कला में आप सिद्धहस्त प्रतीत होती हैं।
सवाई सिंह जी,
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद!....आपका स्वागत है।
अबनीश सिंह चौहान जी,
ReplyDeleteआभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
हार्दिक धन्यवाद!
विजय माथुर जी,
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद!
आपको भी हार्दिक शुभकामनायें... आभार।
सोमेश सक्सेना जी,
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद!
आपको भी हार्दिक शुभकामनायें... आभार।
विजय मौद्गिल जी,
ReplyDeleteआपको भी हार्दिक शुभकामनायें...
आभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी,
ReplyDeleteआपने मेरी कविता को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.....आभार!
यशवन्त माथुर जी,
ReplyDeleteआपको भी हार्दिक शुभकामनायें...
आभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
ताऊ रामपुरिया जी,
ReplyDeleteआपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
इस उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं....
देवेन्द्र पाण्डेय जी,
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद ...
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
यशवन्त जी,
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
आपका स्वागत है!
मोहिन्दर कुमार जी,
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
आपका स्वागत है!
bahut badi aur gahri baat kah di ,mahila divas ki badhai .
ReplyDeleteबेहतरीन रचना....मेरा पुराना कमेन्ट खो गया. :(
ReplyDeleteज्योति सिंह जी,
ReplyDeleteआपको बहुत-बहुत धन्यवाद ....आभारी हूं !
समीर लाल जी,
ReplyDeleteपुराना कमेन्ट खो गया तो कोई बात नहीं...यह नया कमेन्ट पर्याप्त है मेरे उत्साहवर्द्धन के लिए .....
आभारी हूं ....
कम शब्दों में गहन बात आपसे सीखने लायक है ...
ReplyDeleteऔर सीखने लायक है प्रस्तुतिकरण का तरीक़ा।
(किस तरह से आप इस पोस्ट को बनायी हैं, हो सके तो यह राज़ शेयर कीजिए।)
सम्मानिय शरद मेम !
ReplyDeleteप्रणाम !
क्या कहू आप के अल्फाजो को पढ़ , दिल को छूती है हर रचना , कम शब्दों में बेदी बात , छोटी कविताए मेरी पसंदीदा होती है . साधुवाद
सादर !
मनोज कुमार जी,
ReplyDeleteआपको बहुत-बहुत धन्यवाद !
इस उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं....
आपका स्वागत है!
सुनील गज्जाणी जी,
ReplyDeleteआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया...
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद ...
"क्योंकि वही तो आधी दुनिया और पूरी स्त्री है."
ReplyDeleteहमें तो वही पूरी दुनिया ही समझ आती है क्योंकि बाक़ी आधी दुनिया की जन्मदात्री भी तो वह ही है.ईश्वर को भी पहले 'त्वमेव माता'
बोला गया,शेष रिश्ते बाद में बने.पदार्थ भी उर्जा का ही संघटित रूप है.जो कुछ है बस उर्जा ही उर्जा है.
आपने 'मनसा वाचा कर्मणा' को कैसे भुला दिया ?
ReplyDelete'वाणी' ने भी तो एक हाथ से'मन'' बेचारे को और दूसरे हाथ से 'कर्म'को पकड़ा है ."ऐसी वाणी बोलिए" पर आपका इन्तजार है.
ReplyDeleteराकेश कुमार जी,
ReplyDeleteआभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
हार्दिक धन्यवाद!
itani upmaon ke baad bhi aadhi duniya... huzoor, puri duniya kahiye...itne kam shabdon mein intni gahri baat...simply gr8
ReplyDeleteशब्दों की तरतीब, बहुत खूब!
ReplyDeleteसत्य वचन .....
ReplyDelete' एक नहीं दो दो मात्राएँ नर से भारी नारी'
'नारी बिना अनारी नर'
कम लफ़्ज़ों में अच्छी रचना... पहली बार आपके ब्लॉग पर आ कर बहुत अच्छा लगा...
ReplyDeleteअब फौलो भी कर लिया है... थैंक्स फोर शेयरिंग .........
ReplyDeletepv.kanpur ji,
ReplyDeleteअपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद .... आभार।
ਸੰਦੀਪ ਸੀਤਲ ਚੌਹਾਨ ਜੀ,
ReplyDeleteਬਹੁਤ-ਬਹੁਤ ਧੰਨਵਾਦ....
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें...
ਸ਼ੁਕਰੀਆ....
सुरेन्द्र सिंह ‘झंझट’ जी,
ReplyDeleteबहुत खूब...
आभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
हार्दिक धन्यवाद!
बहुत ही सुन्दर रचना.
ReplyDeleteशायद खुदा ने पहले स्त्री को ही बनाया.
तभी स्त्री को खुदा के बाद का दर्जा मिला,पुरुष को नहीं.
सलाम.
आदरणीय महोदया , सादर प्रणाम
ReplyDeleteआज आपके ब्लॉग पर आकर हमें अच्छा लगा.
आपके बारे में हमें "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" पर शिखा कौशिक व शालिनी कौशिक जी द्वारा लिखे गए पोस्ट के माध्यम से जानकारी मिली, जिसका लिंक है......http://www.upkhabar.in/2011/03/vandana-devi-nutan-shikha-mamta-preeti.html
इस ब्लॉग की परिकल्पना हमने एक भारतीय ब्लॉग परिवार के रूप में की है. हम चाहते है की इस परिवार से प्रत्येक वह भारतीय जुड़े जिसे अपने देश के प्रति प्रेम, समाज को एक नजरिये से देखने की चाहत, हिन्दू-मुस्लिम न होकर पहले वह भारतीय हो, जिसे खुद को हिन्दुस्तानी कहने पर गर्व हो, जो इंसानियत धर्म को मानता हो. और जो अन्याय, जुल्म की खिलाफत करना जानता हो, जो विवादित बातों से परे हो, जो दूसरी की भावनाओ का सम्मान करना जानता हो.
और इस परिवार में दोस्त, भाई,बहन, माँ, बेटी जैसे मर्यादित रिश्तो का मान रख सके.
धार्मिक विवादों से परे एक ऐसा परिवार जिसमे आत्मिक लगाव हो..........
मैं इस बृहद परिवार का एक छोटा सा सदस्य आपको निमंत्रण देने आया हूँ. आपसे अनुरोध है कि इस परिवार को अपना आशीर्वाद व सहयोग देने के लिए follower व लेखक बन कर हमारा मान बढ़ाएं...साथ ही मार्गदर्शन करें.
आपकी प्रतीक्षा में...........
हरीश सिंह
संस्थापक/संयोजक -- "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" www.upkhabar.in/
...
sagebob,
ReplyDeleteआपने स्त्रियों के सम्मान में बहुत सुन्दर विचार व्यक्त किए...
आभारी हूं अपने विचारों से अवगत कराने के लिए।
हार्दिक धन्यवाद!
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
गागर में सागर , आपके सोचने के ढंग से चमत्कृत , स्त्री तो शक्तिस्वरूपा और ब्रह्माण्ड है .
ReplyDeleteआपकी कविता पढ़के पता चल गया की गागर में सागर किसको कहते हैं.बहुत कम शब्द में प्यारी कविता.वाह
ReplyDeleteआशीष जी,
ReplyDeleteआपने मेरी कविता को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद.....
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
कुंवर कुसुमेश जी,
ReplyDeleteआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया...
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद ...
डॉक्टर शऱद बहुत बहुत धन्यवाद रसबतिया पर आने और उत्साह बढ़ाने के लिए । आपकी कविता बहुत अच्छी लगी । आपका परिचय पढ़ कर बहुत अच्छा लगा । भविष्य में भी अपना स्नेह ऐसे ही बनाए रखें
ReplyDeleteपारम्परिक बिम्बों के माध्यम से आपने छोटी सी कविता में अच्छे भाव भरे हैं। साधुवाद और विलम्ब से ही सही, महिला दिवस पर हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteआदरणीया डॉक्टर साहिबा
ReplyDeleteसादर प्रणाम !
आधी दुनिया और पूरी स्त्री को नमन !
लेकिन हमने तो पूरी दुनिया माना है … :)
जा चुके विश्व महिला दिवस के साथ
आने वाली होली की
हार्दिक बधाई !
शुभकामनाएं !!
मंगलकामनाएं !!!
♥मां पत्नी बेटी बहन;देवियां हैं,चरणों पर शीश धरो!♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
Excellent presentation !
ReplyDeleteकुंवर कुसुमेश जी,
ReplyDeleteआपका आना सुखद लगा...आपका स्वागत है!
मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
सर्जना शर्मा जी,
ReplyDeleteआभारी हूं अपने विचारों से अवगत कराने के लिए।
हार्दिक धन्यवाद!
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
आचार्य परशुराम राय जी,
ReplyDeleteआपने मेरी कविता को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद!
महिला दिवस पर बधाई हेतु आभारी हूं...
इसी तरह स्नेह बनाए रखें....
राजेन्द्र स्वर्णकार जी,
ReplyDeleteआपके विचार जानकर प्रसन्नता हुई....
हार्दिक धन्यवाद!
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
Dr Divya Shrivastava ji (ZEAL),
ReplyDeleteThank you so much for coming...
I feel very happy to get your comment.
Always welcome your comments on my blogs.
Hearty thanks.
आपने तो चित्र द्वारा ही सब कुछ कह दिया...
ReplyDelete____________
पाखी के मामा जी को मिला बेस्ट जिला कलेक्टर का अवार्ड
My sweet angel अक्षिता (पाखी),
ReplyDeleteआपके विचार जानकर बहुत अच्छा लगा...
आपके मामा जी को बेस्ट जिला कलेक्टर का अवार्ड मिलने पर आपको और आपके मामा जी को हार्दिक शुभकामनाएं....
यानि की वह प्रकृति का अभिन्न अंग है ,,सुंदर भावों से सजी कविता
ReplyDeletebeautiful dost becos its i & you
ReplyDeleteकेवल राम जी,
ReplyDeleteआभारी हूं अपने विचारों से अवगत कराने के लिए।
हार्दिक धन्यवाद!
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
Minakshi Pant ji,
ReplyDeleteThank you for visiting my blog!
I feel very happy to get your comment.
Always welcome your comments on my blogs.
Hearty thanks.
आपने छोटी सी कविता में अच्छे भाव भरे हैं।
ReplyDeleteआपका मेरे ब्लॉग पर आना सुखद लगा !
आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है!
आपने मेरी कविता को पसन्द किया
आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया !
..हार्दिक धन्यवाद!
ਚੱਲੋ ਹੁਣ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿੱਚ ਗੱਲ ਕਰਦੇ ਹਾਂ....
ਫੁਰਸਤ ਦੇ ਪਲ ਕਦੇ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਹੜੇ ਵੀ ਫੇਰੀ ਪਾ ਜਾਣਾ...ਜਿਥੇ ਪੰਜਾਬੀ ਦੀ ਗੱਲ ਹੋਵੇਗੀ..ਪਿੰਡ ਦੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਨੂੰ ਪਰੋਇਆ ਹੈ ਸ਼ਬਦਾਂ 'ਚ...
ਪਤਾ ਹੈ...http://punjabivehda.wordpress.com
Dimple Sii ji
ReplyDeleteThank you for following my blog!
You are always welcome.
ਡਾ. ਹਰਦੀਪ ਕੌਰ ਸੰਧੂ ਜੀ, (ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਹੜਾ)
ReplyDeleteਸ਼ੁਕਰੀਆ...
ਤੁਹਾਡੀ ਮਿੰਨੀ ਕਵਿਤਾਏਂ ਮੇਨੂ ਖੂਬ ਚੰਗੀ ਲਗਦੀ ਹਨ ....
'ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਹੜਾ' ਬੀਚ ਫੇਰਾ ਡਾਲਨਾ ਮੇਨੂ ਅਛਾ ਲਗਦਾ ਹੈ .
ਆਪ ਭੀ ਯੂੰ ਹੀ ਆਤੇ ਰਹਾ ਕਰੋ ....
harish jaipal ji,
ReplyDeleteThank you for following my blog!
You are always welcome with your comments.
bahut achchi lagi...
ReplyDeleteपहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ . पूरा पढ़ा है इसे , आगे भी पढूंगा .......क्योंकि बहुत खूबसूरत हैं आपकी रचनाएँ. और शब्दों का प्रवाह भी प्रभावी .
ReplyDeleteन्यून शब्दों में पूर्ण नारी परिभाषा!! अनुत्तर्… लाजवाब!!
ReplyDeleteडॉक्टर साहिबा,
यदि आपकी शाकाहार जाग्रति में रुचि हो तो मैं 'निरामिष'ब्लॉग पर योगदानकर्ता लेखक के तौर पर आपको आमंत्रित करना चाहता हूँ।
कृपया मेल द्वारा आपका मेल पता भेजें जहाँ में आमंत्रण भेज सकुं।
मेल: niramish@live.in
ब्लॉग निरामिश : http://niraamish.blogspot.com/
आप जैसी विद्वान का निरामिष पर लेखन सभी के लिये प्रेरणादायी होगा।
आभार!!
मृदुला प्रधान जी,
ReplyDeleteआपके विचार जानकर प्रसन्नता हुई....
हार्दिक धन्यवाद!
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
रूप जी,
ReplyDeleteआभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
हार्दिक धन्यवाद!
हंसराज 'सुज्ञ' जी,
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका आभार...
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
हमारे ब्लॉग पे आने का शुक्रिया .............
ReplyDeleteexcellent....
ReplyDeleteमनु जी,
ReplyDeleteआपका भी स्वागत है मेरे ब्लॉग पर!
सम्वाद बनाए रखें....
अमित जी,
ReplyDeleteआभारी हूं अपने विचारों से अवगत कराने के लिए।
हार्दिक धन्यवाद!
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
अद्भुत| होली की रंग बिरंगी शुभकामनाएं |
ReplyDeleteजयकृष्ण राय तुषार जी,
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद!
आपको भी होली की रंग बिरंगी अग्रिम शुभकामनाएं |
bahut hi badiya!
ReplyDeleteकेवल राम जी,
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका आभार...
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है!
कविता रावत जी,
ReplyDeleteआभारी हूं अपने विचारों से अवगत कराने के लिए।
हार्दिक धन्यवाद!
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
so sweat
ReplyDeleteनमन !
ReplyDeleteमनोहर पाल जी,
ReplyDeleteआभारी हूं अपने विचारों से अवगत कराने के लिए।
हार्दिक धन्यवाद!
मनोज कुमार जी,
ReplyDeleteआपका मेरे ब्लॉग पर आना सुखद लगा !
हार्दिक धन्यवाद!
आज फ़िर आपने कम शब्दों में बहुत कुछ कह दिया...
ReplyDeleteलगभग सब कुछ...
एक सच जिसे महसूस किया आपने ,और कम शब्दों में कह दिया .....
ReplyDeleteबधाई.... पहली बार आना हुआ,दो तीन कवितायेँ पढ़ी ,बहुत ही उम्दा कहा है
आपको, आपके परिवार को होली की अग्रिम शुभकामनाएं!!
ReplyDeleteमैंने आने में जरा देर कर दी इसके लिए माफ़ी चाहूँगा.
बहुत सुन्दर !
आपकी कविता को हम क्षणिकाएं भी कह सकते हैं. कम से कम
शब्दों में पूरी बातें कह देना ये कोई आपसे सीखे.
वेदों में भी परमेश्वर को माता की संज्ञा दे कर कुछ इस तरह कहा गया है -
हिरण्य गर्भः समवर्तताग्रे भूतस्य जातः पतिरेक आसीत
स दाधार प्रिथविमद्यामुतइमाम अर्थात तेज ही तेज है जिसके गर्भ में
जो पहले से ही विद्यमान है, जिसने समस्त जीवों को उत्पन्न किया है,
जो हमारा पालनपोसन करने वाला है. जिसने सारे ब्रह्माण्ड को धारण किया है
shankar chandraker ji (sports),
ReplyDeleteThank you for visiting and following my blog!
your always welcome.
होली की हार्दिक शुभकामनाएं !
पूजा जी,
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद!
आभारी हूं अपने विचारों से अवगत कराने के लिए।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
अंजू जी,
ReplyDeleteआपने मेरी कविता को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
मेरे ब्लॉग्स पर आपका सदा स्वागत है।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद जी,
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद ...
आपका सदा स्वागत है।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें...
मदन शर्मा जी,
ReplyDeleteदेर से सही, आपका आना सुखद लगा ...
हार्दिक धन्यवाद !
आभारी हूं अपने विचारों से अवगत कराने के लिए।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें...
वही तो आधी दुनिया
ReplyDeleteऔर पूरी स्त्री है|
प्रभावशाली अभिव्यक्ति के लिए बधाई|
सुन्दर एवं सार्थक बिम्ब।
ReplyDeleteगहन भाव।
साधुवाद।
chhote packet me bada dhamaka....kam shabdo me prabhavshali lekhan. kamaal hai ji.
ReplyDeleteडॉ॰ दिव्या श्रीवास्तव जी,
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद ...
आपका सदा स्वागत है।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें...
ओम पुरोहित'कागद' जी,
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
आपका स्वागत है!
गुर्रमकोंडा नीरजा जी,
ReplyDeleteआपका आना सुखद लगा ...
हार्दिक धन्यवाद !
आभारी हूं अपने विचारों से अवगत कराने के लिए।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें...
हरीश प्रकाश गुप्त जी,
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद !
आभारी हूं अपने विचारों से अवगत कराने के लिए।
अनामिका जी,
ReplyDeleteआपने मेरी कविता को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
राजेश सिंह क्षत्री जी(मुस्कान),
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद!
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनायें!
लाजवाब, चंद शब्दों मे नारी की संपूर्णता को अभिव्यक्त कर दिया आपने. माँ सरस्वती पूर्णतया मेहरवान है आप पर, उसकी कृपा बनी रहे.
ReplyDeleteरामराम.
kam shabdon me zyada baat. is abhivyakti me ghazal ka mazza hai
ReplyDeleteआपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
ReplyDeleteरंग के त्यौहार में
सभी रंगों की हो भरमार
ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार
यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार।
आपको और आपके परिवार को होली की खुब सारी शुभकामनाये इसी दुआ के साथ आपके व आपके परिवार के साथ सभी के लिए सुखदायक, मंगलकारी व आन्नददायक हो।
ताऊ रामपुरिया जी,
ReplyDeleteआपकी शुभेच्छाओं के लिए आभारी हूं...
आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया...हार्दिक धन्यवाद।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें...
जगमोहन राय जी (kalaam-e-sajal ),
ReplyDeleteआपने मेरी कविता को पसन्द किया...
हार्दिक धन्यवाद !
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
दिनेश पारीक जी,
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद!
आभारी हूं अपने विचारों से अवगत कराने के लिए।
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
"आधी दुनिया है ,और पूरी स्त्री है वो "
ReplyDeleteइससे आगे क्या कहा जाये ? सुंदर रचना है .
नित्यान्द जी,
ReplyDeleteआपने मेरी कविता को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
aadhi duniyaa hi poori duniyaa ,is kaaynaat srishti ko chlaa rhi hai .uttarjivitaa ,jijeevishaa bhi naari me hi jyaadaa hai ,sahansheeltaa bhi, isi- liye to vah dharti hai .
ReplyDeleteveerubhai.
वीरेन्द्र शर्मा जी,
ReplyDeleteआपके विचार जानकर प्रसन्नता हुई....
हार्दिक धन्यवाद!
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
"नारी ने जन्म दिया पुरुषों को
ReplyDeleteचलना,जीना सिखाया उनको
जिस ताकत पर गर्व करते पुरुष
वो दिया नारी ने उनको"
khoobsoorat
sharad jeee ko naman
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर" जी,
ReplyDeleteआपने मेरी कविता को पसन्द किया...
हार्दिक धन्यवाद !
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
चंद लफजों में सब कुछ कह दिया आपने
ReplyDeleteतेजवानी गिरधर जी,(तीसरी आंख)
ReplyDeleteआपके विचार जानकर प्रसन्नता हुई....
हार्दिक धन्यवाद!
इसी तरह सम्वाद बनाए रखें....
good definition n imagination.
ReplyDeleteAapki ye kavita bahut achi hai
ReplyDeleteshubha singh