चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी इस रचना का लिंक मंगलवार 30 -11-2010 को दिया गया है . कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
palko me roti ladki.......saral aur sunder rachna.......yathartha ko abhivyakt karte hue........ "hothon par haseen aur palko me roti ladki, saamanya ladki se jyada sunder lagti hai"...yahit to uska abhushan hai....!!!
सारी दुनिया पा लेती है रातों को सोती लडकी !!!! शरद जी ! मै कितनी खुश हूँ आप मिल गई ! अभी कथाक्रम में आपको खूब निहारा था !मन ही मन सराहा था जब आप भाषा पर बोल रही थी ! आप से बहुत सी बाते करनी है !मेरी कविता पसंद आई आपको बहुत बहुत आभारी हूँ ! मेरे ब्लॉग को अपना लीजियेगा ! फ़िलहाल यह मार्मिक कविता जहाँ बच्ची सोने में ही खुश है .दुनिया उसके पीछे ही पड़ जाती है !आखिर क्यों ...सवाल है ! इसीलिए हम आभारी हैं की आप ऐसे सवाल करें !
जब अपने अज्ञात प्रवास से लौटकर ब्लाँग जगत मे आया तो काँफी कुछ बदला हुआ नजर आया , वैसे मै टिप्पणी मे क्याँ लिखूँ जहाँ स्वयं संगिता पुरी और गिरीश पंकज जैसे कलम के योद्धा मौजूद होँ , एक बार ईटिप्स ब्लाँग पर जरुर आयेँ ।
inn ladkiyon ka kuch kiya jaaye? bechaini hoti hai... kab tak badlenge inke din. lekh mein , kavitayon mein, mancho par... filon mein kab tak ... DR. Kuch kiya jaaye.. mother Teresa ki tarah...aapki kavita pash kar bahut bhauk hoon... meri problem hai.. mere bhav aate jaate nahi rahte..bane rahte hain..
आनन्द जी, आपकी चिन्ता वाज़िब है। आप चाहें तो आप भी बहुत कुछ कर सकते हैं। घर-परिवार की बेटियों को उनके सपने पूरे करने में सहायता कीजिए। यह एक अच्छी शुरुआत होगी।
छोटी सी कविता में लडकी की पूरी ज़िंदगी समा गयी है ..बहुत अच्छी रचना
ReplyDeleteहार्दिक धन्यावाद,संगीता स्वरुप जी!
ReplyDeleteNanhi si kavita mein nanhi si bachhi ka chitra ise jivant kar diya hai.Bahut hi sundar abhivyakti.Plz. visit my blog.
ReplyDeleteहार्दिक धन्यावाद,प्रेम सरोवर जी!
ReplyDeleteचर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी इस रचना का लिंक मंगलवार 30 -11-2010
ReplyDeleteको दिया गया है .
कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
... prasanshaneey gajal !!!
ReplyDeleteसच.... दिल से निकली कविता है..... उत्तम भाव जो बड़े आम होकर भी खास बन पड़े हैं....यक़ीनन लड़की का यही हाल है....
ReplyDeleteबहुत सुंदर ...अंतिम शेर सबसे प्यारा लगा !
ReplyDeletebahut hi badhiyaa ... juden vatvriksh se , bhejiye apni rachna parichay aur tasweer ke saath rasprabha@gmail.com per
ReplyDeleteजीवंत प्रस्तुति ...
ReplyDeleteचलते -चलते पर आपका स्वागत है
बहुत अच्छा वर्णन एक लड़की की जिंदगी का ......मेरे ब्लॉग तक आने के लिए ..मेरा हौसला बदने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और रसमयी रचना……………बधाई।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कविता. शुभकामनाएं
ReplyDeleteलड़की की जीवन यात्रा की काव्यमय झांकी सुन्दर लगी।
ReplyDeleteसुन्दर चित्रण... आभार.
ReplyDeleteनेट भी कैसा माध्यम है...कब किससे मिला दे कहा नही जा सकता . आपसे सामने से तो नही मिली पर यहाँ मिल कर अच्छा लगा. रचना पसंद आई.बधाई .
ReplyDeleteहार्दिक धन्यावाद,डॉ॰ मोनिका शर्मा !
ReplyDeleteहार्दिक धन्यावाद,मीनू जी!
ReplyDeleteहार्दिक धन्यावाद,वन्दना जी!मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
ReplyDeleteथोड़े में ही पूरी झलक दे दी एक मासूम लड़की की.सुंदर चित्रण.
ReplyDeleteहार्दिक धन्यावाद,अनामिका जी!मेरे ब्ग पर इसी तरह आती रहें।
ReplyDeleteमोहसिन जी,हार्दिक धन्यावाद।
ReplyDeleteहबीब जी़,आपको बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteधीरेन्द्र सिंह,हार्दिक धन्यावाद।
ReplyDeleteमंजुला जी,आपको बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteकेवल राम जी,हार्दिक धन्यावाद।
ReplyDeleteसुन्दर रचना!
ReplyDeleteहोठों पर हंसी दिखती है , पलकों में रोती लड़की ...
ReplyDeleteथोड़ी बड़ी नहीं , बहुत- बहुत बड़ी हुई लड़कियों की भी यही गाथा है !
बहुत सुन्दर रचना !
क्या न कहूं, इस लड़की के लिए। चौका-चूल्हा और इत्ती सी लड़की। वाह भी आह भी। सरल सुंदर रचना के लिए बधाई। आपसे मिलकर अच्छा लगा।
ReplyDeletepalko me roti ladki.......saral aur sunder rachna.......yathartha ko abhivyakt karte hue........
ReplyDelete"hothon par haseen aur palko me roti ladki, saamanya ladki se jyada sunder lagti hai"...yahit to uska abhushan hai....!!!
अनुपमा पाठक जी,हार्दिक धन्यावाद।
ReplyDeleteदेवेन्द्र जी,आपको बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर पहली बार आया, आना व्यर्थ नहीं गया. खूब लिखा इस छोटी लड़की के बारे में.
ReplyDeleteअभी फोलो करना चुरू कर रहा हूँ आपके ब्लॉग को..
सारी दुनिया पा लेती है रातों को सोती लडकी !!!!
ReplyDeleteशरद जी ! मै कितनी खुश हूँ आप मिल गई ! अभी कथाक्रम में आपको खूब निहारा था !मन ही मन सराहा था जब आप भाषा पर बोल रही थी ! आप से बहुत सी बाते करनी है !मेरी कविता पसंद आई आपको बहुत बहुत आभारी हूँ ! मेरे ब्लॉग को अपना लीजियेगा ! फ़िलहाल यह मार्मिक कविता जहाँ बच्ची सोने में ही खुश है .दुनिया उसके पीछे ही पड़ जाती है !आखिर क्यों ...सवाल है ! इसीलिए हम आभारी हैं की आप ऐसे सवाल करें !
उषा राय जी, मेरे ब्लॉग पर आने के लिए हार्दिक धन्यवाद! इसी तरह तारतम्य बनाएं रखें, सम्वाद क़ायम रखें।
ReplyDeleteमनोज जी,आपको बहुत धन्यवाद! इसी तरह सम्वाद बनाएं रखें।
ReplyDeleteरिश्ते नाते संबंधों में खुद को है खोती लड़की !
ReplyDeleteवाह शरद जी,
आपकी कविता तो गागर में सागर है !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
HAMESHA KI TARAH SUNDAR...........
ReplyDeleteज्ञानचंद मर्मज्ञ जी,आपको बहुत धन्यवाद! इसी तरह सम्वाद बनाएं रखें।
ReplyDeleteगिरीश पंकज जी, हार्दिक धन्यवाद! इतने दिन कहां थे?
ReplyDeleteपहली बार आपके व्लाग पर आयाऔर बहुत खुबसूरत कविता पढने की मिली सार्थक पोस्ट , बधाई
ReplyDeleteसुनील कुमार जी, मेरे ब्लॉग पर आने के लिए हार्दिक धन्यवाद! इसी तरह तारतम्य बनाएं रखें, सम्वाद क़ायम रखें।
ReplyDeleteजब अपने अज्ञात प्रवास से लौटकर ब्लाँग जगत मे आया तो काँफी कुछ बदला हुआ नजर आया , वैसे मै टिप्पणी मे क्याँ लिखूँ जहाँ स्वयं संगिता पुरी और गिरीश पंकज जैसे कलम के योद्धा मौजूद होँ ,
ReplyDeleteएक बार ईटिप्स ब्लाँग पर जरुर आयेँ ।
ईटिप्स ब्लाँग टीम को हार्दिक धन्यवाद!सम्वाद क़ायम रखें।
ReplyDeleteladki ka bahot achcha vivran.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteहार्दिक धन्यावाद, मृदुला प्रधान जी!
ReplyDeleteराजेश जी,आपको बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteinn ladkiyon ka kuch kiya jaaye? bechaini hoti hai... kab tak badlenge inke din. lekh mein , kavitayon mein, mancho par... filon mein kab tak ... DR. Kuch kiya jaaye.. mother Teresa ki tarah...aapki kavita pash kar bahut bhauk hoon... meri problem hai.. mere bhav aate jaate nahi rahte..bane rahte hain..
ReplyDeleteआनन्द जी, आपकी चिन्ता वाज़िब है। आप चाहें तो आप भी बहुत कुछ कर सकते हैं। घर-परिवार की बेटियों को उनके सपने पूरे करने में सहायता कीजिए। यह एक अच्छी शुरुआत होगी।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteNice & Beautiful Composition.....
ReplyDeleteशाण्डिल्य रवि जी,
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आने तथा अपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद! इसी तरह तारतम्य बनाएं रखें, सम्वाद क़ायम रखें।
सचिन जी,
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
इसी तरह तारतम्य बनाएं रखें, सम्वाद क़ायम रखें।