आधी आबादी यहाँ, रविकर जैसे लोग । कुरूपता का दंश यूँ, नियमित लेते भोग । नियमित लेते भोग, मगर भरपाई करते । मानवता के लिए, जीये फिर झटपट मरते । सुन्दर चेहरेदार, मगर सामाजिक व्याधी । खुद तो करते मौज, तड़पती दुनिया आधी ।
kisi ko soorat kisi ko seerat bhati hai soorat heen soorath bhee mukaam banati hai seerat na ho to soorat vyarth jaati hai seerat he maa durga aaur mother teresa ke aage jhukati hai sadar badhayee ke sath
तेरी सूरत का तलबगार दुनियां होगा , मै तो तेरी सीरत से प्यार करता हूँ
लेखन में विविधता का अनुपम संगम , अब कहाँ खुबसूरत चेहरे का चुनाव , यहाँ भावनाओं के सम्प्रेषण का अद्भुत संजोग . बहुत मुश्किल होता है झट से कुछ भी कह देना
मन को प्रभावित करती सुंदर चित्रमय अभिव्यक्ति ,,,,,
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteसीरत हो तो सूरत की कोई औकात नहीं
ReplyDeleteखुद में हीन होने की कोई बात नहीं ।
सुंदर प्रस्तुति
आधी आबादी यहाँ, रविकर जैसे लोग ।
ReplyDeleteकुरूपता का दंश यूँ, नियमित लेते भोग ।
नियमित लेते भोग, मगर भरपाई करते ।
मानवता के लिए, जीये फिर झटपट मरते ।
सुन्दर चेहरेदार, मगर सामाजिक व्याधी ।
खुद तो करते मौज, तड़पती दुनिया आधी ।
kisi ko soorat kisi ko seerat bhati hai
ReplyDeletesoorat heen soorath bhee mukaam banati hai
seerat na ho to soorat vyarth jaati hai
seerat he maa durga aaur mother teresa ke aage jhukati hai
sadar badhayee ke sath
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteतेरी सूरत का तलबगार दुनियां होगा ,
ReplyDeleteमै तो तेरी सीरत से प्यार करता हूँ
लेखन में विविधता का अनुपम संगम ,
अब कहाँ खुबसूरत चेहरे का चुनाव , यहाँ भावनाओं के सम्प्रेषण का अद्भुत संजोग .
बहुत मुश्किल होता है झट से कुछ भी कह देना
सत्यम शिवम सुंदरम ....
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति ...
काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं...
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति !!
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत उम्दा अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteमन के भावो को शब्द दे दिए आपने......
ReplyDeletemarmik ......abhiwayakti....
ReplyDeleteचाह मन से उठती है और उतनी ही मात्रा में लौटकर आती है..
ReplyDeleteबहुत ही सशक्त शब्द रचना, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.