मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
मुश्किल होता है इस तरह से घुट घुट के जीना ... काश कोई ऐसे न जिए ...
Hearty Thanks Digamber Naswa ji....
जिनकी सांसों को किसी की बेबसी धकेलती हो उनको कब किसी का दर्द सताता है।
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मुश्किल होता है इस तरह से घुट घुट के जीना ... काश कोई ऐसे न जिए ...
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