मित्रों का स्वागत है - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह
शानदार और संवेदनशील
संवेदना का बहाव गरम हो तो झुलसा देता है ...
आदरणीया शरद जी आज एक लम्बे अरसे के बाद आप की रचना को पढने का मौका मिला ,,गागर में सागर आपकी रचनाओं की बिषे शताहै आज की रचना भी कमाल की है ..हार्दिक बधाई के साथ सादर
शानदार और संवेदनशील
ReplyDeleteसंवेदना का बहाव गरम हो तो झुलसा देता है ...
ReplyDeleteआदरणीया शरद जी आज एक लम्बे अरसे के बाद आप की रचना को पढने का मौका मिला ,,गागर में सागर आपकी रचनाओं की बिषे शताहै आज की रचना भी कमाल की है ..हार्दिक बधाई के साथ सादर
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