27 December, 2019

आस्तीनों में छिपे खंज़र ... ग़ज़ल... डॉ शरद सिंह


आस्तीनों में छिपे खंज़र  नहीं देखा किसी ने
साथ देखा और समझा आशना मेरा सभी ने


- डॉ शरद सिंह

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#World_Of_Emotions_By_Sharad_Singh

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