A Ghazal of Dr (Miss) Sharad Singh on World Environment Day |
अब तो प्रदूषण घटाएं
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अभी भी समय है, ज़रा चेत जाएं
हवाओं का अब तो प्रदूषण घटाएं
नदियों के जल को चलो साफ कर लें
झीलों को फिर से चलो हम सजाएं
ध्वनियों की सीमा को तोड़ें कभी न
गाड़ी के हॉरन ज़रा कम बजाएं
कूड़े के ढेरों, खुली नालियों से
अपने शहर को भी मुक्ति दिलाएं
'शरद'ये शपथ लें प्रदूषण रहित इक
विरासत में पर्यावरण छोड़ जाएं
- डॉ शरद सिंह
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 05/06/2019 की बुलेटिन, " 5 जून - विश्व पर्यावरण दिवस - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteशिवम जी, मेरी रचना को ब्लॉग बुलेटिन में स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार !!!
Deleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण गीतिका।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद सुरेंद्र पाल वैद्य जी !!!
Deleteसंदेश समाहित है इस रचना में...।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और जनोपयोगी रचना हेतु साधुवाद 🌺🍀🌺
हार्दिक धन्यवाद दी !!!
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